
व्यापारियों से छल
1. मिलान बिना इनपुट क्रेडिट नहीं
एक जनवरी से अब जीएसटीआर3बी और फार्म जीएसटीआर 2 ए/बी में बिल के ब्योरे की मैचिंग अनिवार्य होगी। इसके बिना कारोबारी को कोई भी इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। इस तरह से अब विक्रेता और खरीदार का ब्योरा अगर मैच नहीं होता है या विक्रेता बिल अपलोड नहीं करता है तो खरीदार को कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा। वर
2. अधिकारियों के प्रोपर्टी अटैच करने के अधिकार बढे़: नए साल से मोदी सरकार ने जीएसटी में एक और बढ़ा बदलाव कर दिया है। अब जीएसटी अधिकारियों को यह भी अधिकार होगा कि जबकि किसी कारोबारी को समन दिया हुआ है या मामले में स्क्रूटनी यानी जांच चल रही है, तब भी विभाग चाहे तो वह कारोबारी की प्रोपर्टी और बैंक खातों को प्रोविजनली अटैच कर सकता है।
3. नोटिस दिए बिना ही कारोबारी से रिकवरी का अधिकार : नए साल में जीएसटी अधिकारियों को ये शक्ति मिल गई है कि अगर किसी मामले में जीएसटीआर 1 में दर्शाया हुआ टर्न ओवर जीएसटीआर 3 बी में दर्शाए टर्न ओवर से ज्यादा है तो विभाग को रिकवरी ऑफ टैक्स का नोटिस दिए बिना ही कारोबारी से रिकवरी का अधिकार होगा।
4. ईवे बिल में गलती पड़ेगी भारी: ईवे बिल जारी करने के मामले में किसी भी प्रकार की गलती होने पर अब कारोबारी के पास अपील का अधिकार तो होगा पर अपील करने के लिए 25 प्रतिशत पैनल्टी पहले ही जमा करनी होगी। अब तय जुर्माने की धनराशि की 25 प्रतिशत रकम जमा करने पर ही अपील की जा सकेगी। बता दें कि एक जनवरी से ही बिना ईवे के माल पकड़े जाने पर जुर्माना भी दोगुना लगेगा।
5. अब जमैटौ और स्विगी भरेंगे टैक्स: ऑनलाइन फूड डिलेवरी ऑर्डर करने पर अब रेस्टोरेंट के बजाए ईकॉमर्स ऑपरेटर यानी जमैटो या स्विगी को ही 5 प्रतिशत टैक्स जमा कराना होगा। इस तरह से ऑनलाइन डिलेवरी पर अब फूड ऑर्डर करने पर अब टैक्स लेने के अधिकार रेस्टोरेंट के बजाए ईकॉमर्स ऑपरेटर को दे दिया गया है।
जूते हो गए महंगे, कपड़ों पर लटकी तलवार
साथ ही नए साल से जीएसटी पर 5 बुरी खबरें हैं तो एक अच्छी खबर भी है। जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार 31 दिसंबर हुई 46वीं बैठक में काउंसिल ने कपड़ों पर लगने वाले जीएसटी की दर को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फ़ीसदी करने के अपने पुराने फ़ैसले को फ़िलहाल टालने का निर्णय किया है।
लेकिन जूतों और अन्य फुटवियर सामानों पर बढ़ी हुई दरें एक जनवरी से लागू करने के फ़ैसले को बरक़रार रखा है। इसका असर ये पड़ेगा कि इन सामानों पर लगने वाला जीएसटी 5 फ़ीसदी से बढ़कर 12 फ़ीसदी हो जाएगा जिससे जूते महंगे हो जाएंगे।
हालांकि कपड़ों पर भी राहत केवल अस्थायी मालूम पड़ती है। जीएसटी दरों को तार्किक बनाने के लिए काउंसिल की ओर से बनाई गई कमिटी अब कपड़ों के मामले पर भी विचार करेगी। कमिटी फरवरी में अपनी रिपॉर्ट देगी जिसके बाद फरवरी के अंत में या मार्च में एक बार फिर जीएसटी दरों की समीक्षा की जाएगी।
कारोबारी से लेकर टैक्स प्रोफेशनल, सभी को सताने लगा इंस्पेक्टर राज का डर
न्याय के सिद्धांत के विपरीत, बढ़ेगा भ्रष्टाचार
सुनवाई का अवसर दिए बिना कार्रवाई और वसूली न्याय के स्वाभाविक सिद्धांत के विपरीत है। अर्थदंड की उच्च दरों से बिजनेस सेंटीमेंट पर नकारात्मक असर होगा और अधिकारियों की इस तरह की असीमित शक्ति दिए जाने से भ्रष्टाचार बढ़ने की पूरी आशंका है। सतीश गुप्ता, अध्यक्ष, राजस्थान कर सलाहकार संघ
बदलाव जीएसटी कानून की भावना के विरुद्ध, भ्रष्टाचार बढ़ना तय
आज से जीएसटी में जो नियम-कानून बदल रहे हैं, उससे छोटे कारोबारियों पर विपरीत असर पड़ना तय है। साथ ही ये बदलाव जीएसटी कानून की भावना के विरुद्ध हैं। जीएसटी में सब कुछ ऑनलाइन ही होना था। पर इन बदलावों से कारोबारी और विभाग का ऑफलाइन मिलना जुलना तय है और इससे भ्रष्टाचार तो 100 प्रतिशत बढ़ेगा। सुभाष गोयल, राजस्थान अध्यक्ष, कैट
नए बदलाव जीएसटी कानून की आत्मा के अनुकूल
पिछले साल 40 हजार करोड़ के फेक बिल जीएसटी में जारी हुए हैं। नए प्रावधानों से जीएसटी चोरी पर लगाम लगेगी। नए बदलाव जीएसटी कानून की आत्मा के अनुकूल हैं। अरविंद मिश्रा, एडिशनल कमिशनर, एसजीएसटी
Updated on:
01 Jan 2022 11:00 am
Published on:
01 Jan 2022 10:55 am
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