30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पुरातत्वविदों ने साइबेरिया में खोजा दुनिया का सबसे पुराना किला

इस दुर्ग का निर्माण आक्रामक पड़ोसियों को दूर रखने के लिए किया गया था। अमन्या नाम का यह किला दो बस्ती समूहों अमन्या-1 और अमन्या-2 में फैला हुआ है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Kiran Kaur

Dec 10, 2023

पुरातत्वविदों ने साइबेरिया में खोजा दुनिया का सबसे पुराना किला

पुरातत्वविदों ने साइबेरिया में खोजा दुनिया का सबसे पुराना किला

मास्को। पुरातत्वविदों ने रूस के साइबेरिया के दूरदराज इलाके में महत्त्वपूर्ण खोज की है। उन्होंने शिकारियों और संग्रहकर्ताओं द्वारा बनाए गए लगभग 8,000 साल पुराने दुनिया के सबसे प्राचीन किले का पता लगाया है। इस दुर्ग का निर्माण आक्रामक पड़ोसियों को दूर रखने के लिए किया गया था। अमन्या नाम का यह किला दो बस्ती समूहों अमन्या-1 और अमन्या-2 में फैला हुआ है। अमन्या नदी के किनारे रेतीले क्षेत्र पर यह किला स्थित है, जो दर्शाता है कि शिकारियों ने मछली पकड़ने के प्रचुर स्थानों को नियंत्रित करने के लिए इस जगह को चुना। खोज इतिहासकारों को यह समझने में मदद करेगी कि जटिल समाज कैसे विकसित हुए।

तीर के निशान क्षेत्र में हिंसक संघर्षों के प्रतीक:

फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन के विशेषज्ञों को तलछट, मिट्टी और मलबे के नमूनों से प्रमाण मिले हैं कि यह साइट समय-समय पर आग की लपटों से घिर जाती थी। बाहरी खाई में तीर के निशान भी मिले, जो इस क्षेत्र में हिंसक संघर्ष होने का संकेत देते हैं। टीम ने 1987 से 2000 तक साइट की खुदाई के दौरान लकड़ी के तख्तों की खोज की, जो मजबूत आंतरिक क्षेत्र होने का प्रमाण हैं। रेडियोकार्बन डेटिंग से साइट केहजारों साल पुरानी होने की पुष्टि हुई। यह ऐसी तकनीक है, जो 60,000 साल तक पुरानी सामग्रियों की उम्र की सटीक पहचान कर सकती है।

विकसित जीवन जीते थे प्राचीन निवासी:

इसकी दो प्रमुख बस्तियों में से अमन्या-1 में नदी का किनारा और खाई जैसी सतहें मौजूद हैं। इमारत के बाहर झोपड़ियां भी मिलीं, जो किलेबंद क्षेत्र के संगठित संरचना होने का प्रमाण देती हैं, जिसे अमन्या-2 के रूप में जाना जाता है। शोध में पाया गया कि पश्चिम साइबेरिया के निवासी टैगा क्षेत्र के समृद्ध संसाधनों के आधार पर अत्यधिक विकसित जीवन जीते थे। प्रागैतिहासिक निवासी अमन्या नदी में मछली पकड़ते थे और हड्डी या पत्थर लगे भाले से हिरन आदि का शिकार करते थे। मछली के तेल और मांस की आपूर्ति को संरक्षित करने के लिए उन्होंने बड़े पैमाने पर मिट्टी के बर्तनों का निर्माण भी किया।

पुरानी धारणाओं का खंडन करती संरचनाएं:

यहां मौजूद ऊंचे फायरप्लेस जैसी निर्माण सुविधाओं से संकेत मिलता है कि संरचनाएं दीर्घकालिक आवास थीं, जो इस धारणा का खंडन करती है कि स्थायी बस्तियां और रक्षात्मक निर्माण केवल कृषक समाजों में ही होने लगा था। शोधकर्ता और पुरातत्वविद् पहले मानते थे कि शिकारी और संग्रहकर्ता समाजों में प्रतिस्पर्धा, संघर्ष मौजूद नहीं थे।

प्राचीनकालीन दुर्ग