
Vinesh phogat
Tokyo Olympics 2020: टोक्यो ओलंपिक के 14वें दिन भारत के लिए जहां हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल जीतने की खुशखबरी आई तो कुश्ती में निराशा हाथ लगी। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर 41 साल बाद ओलंपिक मेडल जीता। वहीं कुश्ती में दुनिया की नंबर-1 भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को 53 किलो भारवर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। विनेश की इस हार के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में उनके गोल्ड मेडल का सपना अधूरा रह गया। विनेश की हार के बाद उनके परिजनों ने ट्रेनिंग में खामियां बताई। साथ ही उन्होंने कहा कि अब वे कभी भी विदेशी कोचों पर भरोसा नहीं करेंगे।
विनेश की हार से दुखी हुए परिजन
टोक्यो ओलंपिक में विनेश फोगाट को गोल्ड मेडल का प्रबल दावेदार माना जा रहा था,लेकिन जब वह क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारीं तो परिजन काफी दुखी हो गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विनेश की मां प्रेमलता की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि बेटी से गलती हुई है। वह कांस्य पदक तो जीतेगी, लेकिन गोल्ड मैडल जीतती तो खुशी होती कि बेटी ने दूध की लाज रखी है।
टारगेट गोल्ड जीतने का था
वहीं विनेश फोगाट के भाई हरविंद्र ने कहा कि उनकी बहन का टारगेट टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का था। विनेश की हार पर उन्हें विश्वास नहीं हो रहा। भाई का कहना है कि विनेश ने जिस तरह से मेहनत की थी, गोल्ड जीतने के पूरे चांस थे। अब अगर कांस्य पदक भी जीतती है तो कोई खास मायने नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि गोल्ड जीतने के लिए चाहे कितने ही ओलंपिक खेलने पड़ें, खिलाएंगे।
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महावीर फोगाट बोले—खुद ट्रेनिंग देता तो बेटी जीतती गोल्ड
विनेश के ताऊ व द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान महावीर फोगाट ने विनेश की हार पर कहा कि उन्हें विदेशी कोचों द्वारा दी गई ट्रेनिंग पर खास विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि विनेश की ट्रेनिंग में खामियां रही और इसी वजह से बेटी गोल्ड नहीं जीत पाई। उनका कहना है कि अब वह खुद विनेश को ट्रेनिंग देंगे और अगले ओलंपिक में बेटी देश के लिए गोल्ड लाएगी। महावीर फोगाट का कहना है कांस्य पदक चाहे कितने ले आओ, कोई मायने नहीं है।
Published on:
05 Aug 2021 01:25 pm
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