क्वार्टर फाइनल में हराया था सर्बिया की खिलाड़ी को
इससे पहले शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भाविना का सामना सर्बिया की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच से हुआ था। इस मुकाबले में भाविना सर्बिया की खिलाड़ी को हराकर पैरालंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई थीं। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्होंने सर्बिया की खिलाड़ी को 11-5, 11-6, 11-7 से हराकर पदक पक्का कर लिया था।
इससे पहले शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भाविना का सामना सर्बिया की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच से हुआ था। इस मुकाबले में भाविना सर्बिया की खिलाड़ी को हराकर पैरालंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई थीं। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में उन्होंने सर्बिया की खिलाड़ी को 11-5, 11-6, 11-7 से हराकर पदक पक्का कर लिया था।
यह भी पढ़ें— Tokyo Paralympics 2020: सर्बिया की खिलाड़ी को हराकर पैडलर भाविनाबेन पटेल सेमीफाइनल में पहुंचीं 29 अगस्त को होगा फाइनल
भाविना पटेल अब गोल्ड मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं। टेबिल टेनिस में उनका फाइनल मुकाबला 29 अगस्त को होगा। फाइनल में भाविना का सामना चीन की खिलाड़ी झाउ यिंग से होगा। गुजरात के मेहसाणा की भाविना पटेल के पास फाइनल में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने का मौका होगा। फाइनल मुकाबला भारतीय समयानुसार सुबह 7:15 बजे शुरू होगा।
भाविना पटेल अब गोल्ड मेडल से सिर्फ एक कदम दूर हैं। टेबिल टेनिस में उनका फाइनल मुकाबला 29 अगस्त को होगा। फाइनल में भाविना का सामना चीन की खिलाड़ी झाउ यिंग से होगा। गुजरात के मेहसाणा की भाविना पटेल के पास फाइनल में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने का मौका होगा। फाइनल मुकाबला भारतीय समयानुसार सुबह 7:15 बजे शुरू होगा।
यह भी पढ़ें—Tokyo Paralympics 2020: यहां जानिए भारत का पूरा शेड्यूल, 54 पैरा एथलीट्स दिखाएंगे दमखम शौकिया तौर पर खेलना शुरू किया था टेबल टेनिस
भाविना ने टेबल टेनिस शौक के तौर पर खेलना शुरू किया। वर्ष 2011 में पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतकर वह वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गई थी। इसके बाद उन्होंने एशियन टेनिस चैंपियनशिप भी जीती। अहमदाबाद में दृष्टिहीन लोगों के लिए बनाया गया एक संगठन उन्हें आर्थिक तौर पर मदद करता था। इसके बाद पिछले साल भाविना को टॉप्स में शामिल किया गया था। इससे उन्हें काफी काफी मदद मिली। साल 2011 से लगातार कोशिशों के बाद उन्हें पहली बार टोक्यो पैरालंपिक में खेलने का मौका मिला।
भाविना ने टेबल टेनिस शौक के तौर पर खेलना शुरू किया। वर्ष 2011 में पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप जीतकर वह वर्ल्ड रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंच गई थी। इसके बाद उन्होंने एशियन टेनिस चैंपियनशिप भी जीती। अहमदाबाद में दृष्टिहीन लोगों के लिए बनाया गया एक संगठन उन्हें आर्थिक तौर पर मदद करता था। इसके बाद पिछले साल भाविना को टॉप्स में शामिल किया गया था। इससे उन्हें काफी काफी मदद मिली। साल 2011 से लगातार कोशिशों के बाद उन्हें पहली बार टोक्यो पैरालंपिक में खेलने का मौका मिला।