
टोक्यो पैरालंपिक 2020 की ओपनिंग सेरेमनी का शुभारंभ रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ। पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी देशों के दलों ने अपने हाथों अपने—अपने देशों के ध्वज लेकर मार्च पास्ट किया। भारतीय दल ने 17वें नंबर पर एंट्री की। टेक चंद ने भारतीय दल की अगुवाई की और ध्वज वाहक बने। वहीं पीएम मोदी ने भी टीवी पर ओपनिंग सेरेमनी देखी। ओपनिंग सेरेमनी में अफगानिस्तान के झंडे को भी शामिल किया गया। हालांकि तालिबान के कब्जे के बाद टोक्यो पैरालंपिक में अफगानिस्तान के किसी भी एथलीट ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
पीएम मोदी ने बजाई भारतीय दल के लिए तालियां
वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी टोक्यो पैरालंपिक की ओपनिंग सेरेमनी टीवी पर देखी। जैसे ही भारतीय दल ने स्टेडियम में तिरंगे के साथ एंट्री ली तो पीएम मोदी ने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाई। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,'मै पूरी तरह से आशान्वित हूं कि भारतीय पैरा दल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा और दूसरों को प्रेरित करेगा।'
एकजुटता दिखाने के लिए शामिल किया अफगानिस्तान का झंडा
अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) ने इन एथलीटों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जो पैरालम्पिक में भाग नहीं ले सके, अफगानिस्तान के झंडे को शामिल करने का फैसला किया। आईपीसी ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त के प्रतिनिधि को ध्वजवाहक के रूप में कार्य करने के लिए यहां आमंत्रित किया। आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू पारसंस ने कहा कि यह फैसला दुनिया भर में एकजुटता और शांति को देने के लिए लिया गया।
जकिया होतीं पैरालंपिक में भाग लेने वाली पहली अफगान एथलीट
जकिया खुदादादी, जो ताइक्वांडो में पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली अफगानिस्तान की पहली महिला एथलीट हैं, और कुछ राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (एनपीसी) के अधिकारी तालिबान के देश पर कब्जा करने के कारण उपजे हालात की वजह से खेलों में शामिल नहीं हो सके। अफगानिस्तान से और वहां के लिए फ्लाइट की आवाजाही नहीं होना टोक्यो में इन लोगों के शामिल नहीं होने का अहम कारण रहा।
Published on:
24 Aug 2021 06:59 pm
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