
श्रीगंगानगर. शहर में एक दुकान से चाइनीज मांझा जब्त करते हुए नगर परिषद की टीम।
श्रीगंगानगर. मकर संक्रांति पर पतंगें उड़ाने में चाइनीज मांझे के इस्तेमाल के खिलाफ जिले भर में अभियान शुरू किया गया है। जिला कलक्टर के आदेश पर जिले में कई स्थानों पर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों की दुकान पर दबिश देकर चालान किए गए हैं। चाइनीज मांझे के उपयोग पर प्रतिबंध होने बावजूद इसकी बिक्री धड़ल्ले से रही है। यह मांझा इतना खतरनाक है कि इसकी चपेट में आकर बहुत से पक्षी घायल हो जाते हैं। मांझे के कारण कई लोग मरणासन्न स्थिति में पहुंचे हैं।
अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन एवं नगर परिषद प्रशासक रीना ने बताया कि नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह की अगुवाई में स्पेशल टीम ने शहर के अलग- अलग एरिया में चाइनीज मांझे की बिक्री करने वाली 15 दुकानों पर दबिश दी। इस टीम ने मांझे की बिक्री कर रहे छह दुकानों से 11 हजार रुपए जुर्माना वसूला। टीम ने एसएसबी रोड़, सेतिया कॉलोनी, बसंती चौक, पायल सिनेमा के पास, पुरानी आबादी के ताराचंद वाटिका एरिया और ट्रक यूनियन पुलिया से उदाराम चौक मार्ग तक पन्द्रह दुकानों पर औचक निरीक्षण किया। उदाराम चौक के पास दुकानदार सोनू के यहां चाइनीज मांझे की चरखियां बरामद हुई। इस दुकानदार पर पांच हजार रुपए और इसी तरह अन्य दुकानदारों से छह हजार रुपए कुल 11 हजार रुपए जुर्माना वसूला। चाइनीज मांझे की कुल 58 चरखियां बरामद की गई है।
पुरानी आबादी में कई दुकानदार अपनी रेडीमेड कपड़ों की दुकान पर चाइनीज मांझे की चरखियां बेच रहे थे। रेडीमेड की एक दुकान पर चरखियों से भरा बोरा नगर परिषद अमले ने बरामद कर चरखियां जब्त की। इसके अलावा शहर में कई जगह पर चोरी-छुपे चाइनीज मांझे की बिक्री की जा रही है। कई लोग अन्य शहरों से भी ऐसा मांझा ला रहे हैं। विदित रहे कि जिला कलक्टर डॉ. मंजू की ओर से मांझे के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया
चाइनीज मांझे में ज्यादातर नाइलॉन, प्लास्टिक या मेटल का उपयोग किया जाता है। यह मांझा बहुत तेज और चिकना होता है। जिससे यह अन्य मांझों को काट सकता है। इसी कारण लोग इसका उपयोग करते हैं। इस मांझे के बिजली की तारों से टकराने पर शॉर्ट सर्किट का खतरा रहता है। यह मांझा इंसानों के साथ-साथ मवेशियों व पक्षियों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी चपेट में आने पर गर्दन, हाथ, पैर या चेहरे पर गहरी चोट लग सकती है। कई बार यह मांझा जानलेवा भी साबित हो चुका है। मांझे में उलझने से पक्षी घायल होते हैं और मर भी जाते हैं।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मंजू ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बनाए रखने और पक्षियों के लिए बडे पैमाने पर खतरा बन चुके चाइनीज मांझे, प्लास्टिक व अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बना मांझा या जहरीले पदार्थ जैसे लोहा, ग्लास आदि के धागों की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग श्रीगंगानगर जिले की राजस्व सीमा, क्षेत्राधिकार में निषेध व प्रतिबंधित करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश 24 दिसम्बर 2024 की मध्य रात्रि से लागू होकर 23 फरवरी 2025 की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा। आदेशों की अवहे्लना या उल्लंघन किए जाने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डित करवाया जाएगा।
Published on:
13 Jan 2025 02:48 am
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