भूमिका,राजवंशिका,ऐंजल व प्रियंका ने फहराया परचम
-कृष्ण चौहान-जिले की टॉप छात्रों ने माता-पिता और स्कूल का नाम रोशन किया


- श्रीगंगानगर.राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में श्रीगंगानगर जिले की बेटियों ने प्रतिभा का परिचय दिया है। जिले में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर चार बेटियों ने कब्जा किया है। श्रीकरणपुर की भूमिका खत्री और श्रीबिजयनगर की राजवंशिका ने संयुक्त रूप से 99.17 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया है। वहीं पदमपुर की ऐंजल ने 99 प्रतिशत लेकर द्वितीय और सूरतगढ़ की प्रियंका सुथार ने 98.67 प्रतिशत अंकों से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
भूमिका खत्री: 99.17 प्रतिशत: संकल्प से मिली सफलता
- श्रीकरणपुर के पीएमश्री महात्मा गांधी (अंग्रेजी माध्यम) राजकीय विद्यालय की छात्रा भूमिका खत्री ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 99.17 प्रतिशत अंक हासिल कर माता-पिता, शिक्षकों और क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। रोजाना 4-5 घंटे पढऩे वाली भूमिका का कहना है कि दृढ़ संकल्प और नियमित अध्ययन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। भूमिका कठिन विषयों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का सहारा लेती है। उसने सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। पिता अनिल खत्री कंप्यूटर ऑपरेटर और माता ममता प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। भूमिका का सपना कॉलेज लेक्चरर बनने का है। विद्यालय के प्रधानाचार्य हरपाल सिंह और विद्यालय स्टाफ ने भूमिका के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
राजवंशिका: 99.17 प्रतिशत: स्वाध्याय की मिसाल
- श्रीबिजयनगर के पायनियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की होनहार छात्रा राजवंशिका 99.17 प्रतिशत अंक लेकर जिले में प्रथम रही है। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार और स्कूल का नाम रोशन किया है,बल्कि संघर्ष,अनुशासन और स्वाध्याय की मिसाल भी कायम की है। राजवंशिका ने मोबाइल का कम प्रयोग कर अध्ययन में ध्यान केंद्रित किया। उनके पिता डॉ.भूप लकेसर पशु चिकित्सक और माता सरोज टाक हिंदी व्याख्याता हैं। नियमित स्वाध्याय राजवंशिका की पढ़ाई की रणनीति में सबसे अहम हिस्सा रहा। वह हर दिन सात घंटे स्व-अध्ययन करती थीं। राजवंशिका का सपना डॉक्टर बनने का है।
ऐंजल: 99 प्रतिशत: कठिन परिश्रम का परिणाम
- पदमपुर के एसएस आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्रा ऐंजल ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उसने बताया कि लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम से ही सफलता मिलती है। ऐंजल ने सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों को दिया है। विशेषकर माता सुलोचना देवी ने उसे प्रेरित किया। वह स्कूल के साथ-साथ घर पर चार-पांच घंटे नियमित पढ़ाई करती थी। ऐंजल का सपना आइपीएस बनना है। उसने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया से दूर रहने और शिक्षकों से सवाल पूछने का संदेश दिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य ओमप्रकाश कलिया व स्टाफ का अच्छा मार्गदर्शन रहा। ऐंजल के पिता संजू कुमार किसान और माता सुलोचना देवी रायसिंहनगर पुलिस थाने में कांस्टेबल हैं।
प्रियंका: 98.67 प्रतिशत: नियमित 7-8 घंटे पढ़ाई
- सूरतगढ़ के नवीन आदर्श विद्या मंदिर की छात्रा प्रियंका सुथार 98.67 प्रतिशत अंक लेकर जिले में तीसरे स्थान पर रही है। वह नियमित रूप से सात से आठ घंटे पढ़ाई करती थीं। प्रियंका का कहना है कि सफलता के लिए नियमित अध्ययन और सोशल मीडिया से दूरी जरूरी है। उन्होंने सफलता के लिए माता-पिता और गुरुजनों को धन्यवाद दिया। बडोपल निवासी पिता किशन कुमार व माता का नाम कमला है। उनका कहना है कि प्रियंका का सपना इंजीनियर बनना है। उसकी मेहनत और लगन ने उसे यह सफलता दिलाई है, जो पूरे जिले के लिए गर्व की बात है।
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