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श्री गंगानगर

शहर फिर कचरा-कचरा: डोर टू डोर कचरा उठाव अटका

City again garbage-garbage: Door-to-door garbage collection stuck- शहर के 65 वार्डो में ठेकेदार की 75 ट्रेक्टर ट्रॉलियों से उठता है रोजाना औसतन 60 टन कचरा

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श्रीगंगानगर। शहर में कचरे उठाव की प्रक्रिया एकाएक ठप हो गई है। विभिन्न वार्डो के चुनिंदा स्थलों पर कचरा पात्र गंदगी से अटे हुए है। वहीं डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की प्रक्रिया पिछले दो दिनों से बंद हो गई है। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ने ट्रेक्टर-ट्रॉली के जरिये कचरा उठाव करने वाले सफाईकर्मियों को पिछले दो महीने से मानदेय नहीं देने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है। इधर, नगर परिषद प्रशासन ने अब ठेकेदार को तलब किया है। आयुक्त का कहना है कि ठेकेदार को संबंधित कार्मिकों का भुगतान करने के निर्देश दिए है। उम्मीद है कि यह मामला निपट सकता है। लेकिन पिछले दो दिनों से कचरे का उठाव नहीं होने से गंदगी के ढेर जगह जगह लगने लगे है।
पूरे शहर के 65 वार्डों के लिए 75 ट्रेक्टर ट्रॉलियों को ठेकेदार से अनुबंध कर रखे है। इन ट्रेक्टर ट्रॉलियों से डोर टू डोर कचरा संग्रहित किया जा रहा है, वहीं कई वार्डो में यह कचरा ट्रॉलियों से चक 6 जैड ए के पास डंपिंग प्वाइंट भेजा जाता है।
नगर परिषद ने ठेकेदार को प्रति ट्रेक्टर ट्रॉली के एवज में रोजाना 2300 रुपए की दर से भुगतान करती है। इन 75 ट्रेक्टर ट्रॉलियों पर हर महीने करीब पौने 52 लाख रुपए का भुगतान किया जाता है। इन ट्रेक्टर ट्रॉली पर चालक के अलावा दो-दो अस्थाई सफाई कार्मिक रखे हुए है। ये कार्मिक घरों के आगे कचरे का उठाव करते है और वहीं घरों से कचरा संग्रहित करते है।
इधर, नगर परिषद परिसर में करीब पचास से अधिक ऑटो टीपर शोपीस बनकर खड़े हुए है। इन ऑटो टीपरों की खरीद के बाद अब तक संचालित नहीं किया गया है। इसमें अधिकांश ऑटो टीपर से बैटरियां, केबल आदि की चोरी हो चुकी है। इसके साथ साथ कईयेां के टायर भी खराब हो गए है। इस खरीद में अनियमितता बरतने का मामला उजागर हुआ था। हालांकि नगर परिषद प्रशासन ने संबंधित निर्माता कंपनी को कुल 62 ऑटो टीपर के एवज में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया था।
इधर, नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि नगर परिषद के खुद के बेड़े में पांच ट्रेक्टर ट्रॉली, कचरा उठाने के लिए तीन कंटेनर वाहन, एक डम्पर, दो अम्बेसडर कार, दो जीप, एक स्काई लिफ्ट, 28 ऑटो टिपर भी संचालित हो रहे है। शहर में नाली और नाले की सफाई कराने के लिए नगर परिषद के संसाधन सीमित है। इस कारण किराये के ट्रेक्टर ट्रॉली मंगवाए जाते है।
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के शहर अध्यक्ष महेन्द्र काली ने बताया कि ट्रेक्टर ट्रॉली पर कार्यरत सफाई कर्मियों को पिछले दो महीने का मानदेय ठेकेदार ने नहीं दिया है। इस संबंध में फोन पर बात भी की लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो संबंधित सफाई कार्मिक हडताल पर चले गए।
इस बीच, नगर परिषद आयुक्त कपिल यादव ने बताया कि हिसार की ठेका फर्म शिवा कन्ट्रेक्शन के संचालक राजेन्द्र को तलब किया है। इन ठेकेदार को कचरा उठाव में आ रही अड़चन के बारे में जवाब भी मांगा है। यह मामला जल्द निपटने की उम्मीद है।