इस टीम में अधिकांश युवा है। इन युवाओं में से किसी ने झाड़ू से बुहारी लगाई तो किसी ने वहां बड़ी-बड़ी घास को काटने के लिए घास कटिंग की मशीन की कमान संभाल कर पसीना बहाया। खरपतवार और झाडिय़ों को हटाने की मुहिम भी चली। चिकित्सालय परिसर में सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है, इस सीवर ठेकेदार ने मलबे के ढेर भी पार्क में डाल रखा है। इस मलबे को हटाने के लिए भी युवाओं ने अपनी ओर से मेहनत की।
तो अपने भी कर सकते है यह पहल
टीम की अगुवाई करने वाले सदस्य प्रदीप का कहना था कि उसने जयपुर में ऐसे श्रमदान करने वाले युवाओं की टीम देखी थी, तब यहां आकर अपने दोस्तों के साथ इस पुनीत कार्य के बारे में चर्चा की। इस संबंध में उसने मोबाइल पर अपनी पोस्ट दोस्तों के साथ शेयर की। देखते देखते दोस्तों ने भी समर्थन देने में देर नहीं की। इन युवाओं का कहना था कि चिकित्सालय में पसरी गंदगी को साफ कर हरियाली का संदेश देने के लिए हम कुछ ऐसा नहीं करेंगे तो कौन करेगा। यह बात दोस्तों को जच गई और संकल्प लेकर हर रविवार को श्रमदान शुरू कर दिया है। प्रदीप चौधरी के अलावा अभय, अरुण, अनिल, राकेश ढाका, राहुल, रमन, अजय दुर्गेसर, अजय मटोरिया, विपिन मूंड, संदीप चाहर, सुनील सिहाग,, संजय और अन्य युवा भी शामिल है।