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राजस्थान के इस जिले के लोगों में फूटा गुस्सा, बच्चों के भविष्य पर छाए संकट के बादल

राजस्थान के इस जिले के लोगों में फूटा गुस्सा, बच्चों के भविष्य पर छाए संकट के बादल

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श्रीगंगानगर। सरकारी स्कूल में खाली पदों को भरने की मांग को लेकर ग्रामीणों का फूट गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। रामसिंहपुर के सीमावर्ती गांव के राजकीय विद्यालय में शिक्षकों के पदों को भरने के लिए दूसरे दिन भी धरना जारी रहा। इस बीच बीईईओ ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से समझाइश की लेकिन, ग्रामीण अपनी मांगो पर अड़े रहे।

धरनास्थल पर समझाइश वार्ता

रामसिंहपुर मंडी के सीमावर्ती गांव 3/4 डीजीएम के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में रिक्त पदों को भरने कि मांग को लेकर बुधवार को भी धरना जारी रहा। इस बीच श्री विजयनगर से बीईईओ ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से समझाइश की। अपनी मांगों पर अड़े ग्रामीणों से बीईईओ की वार्ता विफल रही। विभाग ने श्री विजयनगर से बीईईओ हाकमसिंह गिल व प्रिंसिपल जगदीश कुमार गजरा व प्रिंसिपल महेशकुमार मोगां को समझाइश के लिए भेजा। अधिकारीयों ने दो थर्ड ग्रेड अध्यापक अस्थाई रूप से व्यवस्था में लगाने को कहा लेकिन, ये लोग दो फस्ट ग्रेड व दो थर्ड ग्रेड अध्यापक लगाने पर अड़े रहे। धरनास्थल पर कामरेड श्योपतराम मेघवाल व बसपा से हरजीराम पटेल धरना स्थल पर पंहुचकर खुलकर समर्थन देने की अपील की है।

छात्रों के भविष्य पर लटक रही तलवार

धरने पर बैठे सरपंच मांगीराम समेत ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में 18 पद स्वीकृत होने के बावजूद यहां एक भी व्याख्याता नहीं है। वहीं ग्यारह पद रिक्त पड़े रहने से 258 विद्यार्थियों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है। इसके चलते स्थानीय लोग जिला कलेक्टर, जिला शिक्षाधिकारी व एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर अवगत करा चुके हैं। साथ ही सोमवार तक रिक्त पद नहीं भरे तो मंगलवार से विद्यालय पर तालाबंदी कर धरना दिया जाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद भी उच्चाधिकारियों की नींद नहीं खुलने से यहां के ग्रामीणों को मजबूरन धरने पर बैठने जैसा कदम उठाना पड़ा।

ग्रामीणों में बढ़ रहा रोष

धरनास्थल पर दो दिन बाद भी उच्चाधिकारियों ने धरनास्थल पर आने की जहमत तक नहीं उठाई। इससे स्थानीय लोगो में आक्रोश बना हुआ है। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि गुरूवार को गांव में आक्रोशित प्रदर्शन किया जाएगा और रैली निकाल कर शिक्षा मंन्त्री का पुतला फूंका जाएगा। इस विद्यालय में छात्राओं की संख्या अधिक है। लोगों का आरोप है कि राज्य सरकार बालिका शिक्षा को बढावा देने के नाम पर महज डिंडोरा पीट रही है। इस स्कूल में 134 छात्राएं व 120 छात्र अध्ययनरत है।