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वाटर वर्क्स डिग्गी में मरी सैकड़ों मछलियां

- वाटर वर्क्स की डिग्गीयों में हुआ पेयजल समाप्त - डिग्गीयों के पेंदे में गाद युक्त गंदे पानी के तापमान में बढ़ोतरी

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fish died in water works tank

fish died in water works tank

10 सरकारी. गांव के वाटर वर्क्स की डिग्गीयों में पानी समाप्त हो जाने से सैकड़ों मछलियां मर गई व इसी के साथ ग्रामीणों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो गया। वाटर वर्कस में पानी भंडारण के लिए 4 डिग्गीयां निर्मित है जो क्षतिग्रस्त होने से आधे से ज्यादा पानी सौख लेती है। डिग्गी के पेंदे में बच्चे गाद युुक्त गंदे पानी के तापमान में बढ़ोतरी होने से सैकड़ों मछलियां मर कर ऊपर तैरने लगी। मरी मछलियों के ऊपर तैरने से आसपास के कुत्तों ने डिग्गीयों में गंदगी फैलानी शुरू कर दी जिससे वाटर वर्कस का वातावरण दूषित हो गया।

पिछले दिनों नहर में आए पेयजल में केमिकल मिले होने की आशंका के चलते ग्रामीणों ने इसका भंडारण नहीं किया था। जनता जल योजना में संचालित होने के बावजूद ग्राम पंचायत को डिग्गीयो में मछलियां मरने की सूचना देने पर पंचायत ने चुप्पी साध ली। ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते डिग्गीयों में मछलियां मर गई व ग्रामीणों को महंगे दरों पर टैंकरों से फ्लोराइड युक्त खारा पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने डिग्गियों की सफाई करवा कर गांव में पेयजल की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।

बंद की गई गली को खुलवाने की मांग पर अनशन

अनूपगढ़. तहसील क्षेत्र के गांव 5 एलएसएम में बंद की गई गली को खुलवाने की मांग को लेकर दिया जा रहा धरना सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा, विरोध को तेज करते हुए आज सोमवार को चौथे दिन धरना स्थल पर कृष्ण लाल और पालाराम अनशन पर बैठ गए। कृष्ण लाल तथा पाला राम ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय निशुल्क पट्टा वितरण योजना के तहत उनके घर से सामने से जा रही गली को बंद कर पड़ौसी को पटटा जारी कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि यह गली पिछले 40 वर्ष से चल रही थी। जिसे ग्राम सेवक ने बिना किसी कारण के बंद करवा दी तथा इस गली में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण का कार्य भी शुरु करवा दिया है। धरनार्थियों ने बताया कि इस मामले में पूर्व में भी अधिकारियों को लिखित में सूचना देकर गली खुलवाने की मांग की गई।

परंतु अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की जिससे बाद में धरना लगाना पड़ा। अनशनकारियों ने बताया कि धरने के बाद भी प्रशासन नही जागा तो मजबूरन उन्हे भूख अनशन पर बैठना पड़ा है, उन्होने कहा कि जब तक रास्ता नहीं खोला जाएगा तब तक अनशन व धरना जारी रहेगा।