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श्रीगंगानगर.
सरकार भले ही डिजिटल रूप से सभी को मजबूत करने का दावा कर रही हो। कम्प्यूटर और अन्य संसाधनों पर हजारों रुपए खर्च किए जा रहे हों, लेकिन इन सब के बावजूद सरकारी तंत्र में कम्प्यूटर के लिए की गई व्यवस्थाओं पर सार संभाल का अभाव है। इन पर लाखों रुपए खर्च तो किए जाते हैं लेकिन इनकी देखरेख के अभाव में ये शून्य परिणाम में परिवर्तित हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ है शहर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (मल्टीपर्पज) में बने जिला कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र (डीसीटीसी) के साथ। इस केंद्र की स्थापना करीब छह सात वर्ष पूर्व विद्यालय परिसर में हुई लेकिन सारसंभाल के अभाव में अब इन पर धूल की परत छाने लगी है।
लगे हैं पचास कम्प्यूटर
इस केंद्र में करीब पचास पी थ्री कम्प्यूटर लगे हैं। इन कम्प्यूटर पर शुरुआत में शहर के निर्धन विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाना था। इस केंद्र पर प्रत्येक माह की पहली और पंद्रह तारीख को कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाना था। इसमें बेसिक माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, इंटरनेट की जानकारी, कम्प्यूटर हार्डवेयर, इंटरनेट आईडी बनाना व ईमेल की जानकारी, हिन्दी, अंग्रेजी टाइपिंग, टैली, सी, सी प्लस प्लस और फोक्स प्रो आदि के कोर्स करवाए जाने थे। ये कोर्स एक सप्ताह से दो माह तक की अवधि के थे तथा इसके लिए दो सौ से डेढ़ हजार रुपए तक विद्यार्थियों से लिए जाने थे। लैब की आय से ही इसके खर्च निकाले जाने थे। शुरुआत के कुछ दिन तक तो यहां विद्यार्थियों ने रुचि दिखाई लेकिन बाद में यहां विद्यार्थी नहीं आने से लैब के खर्च निकालने मुश्किल हो गए और लैब पर ताला लगा दिया गया। जानकारी के अनुसार कोर्स के नाम पर कम्प्यूटर का बेसिक ज्ञान देने के कारण ही विद्यार्थियों की रुचि कम होने लगी। कुछ दिन तक इस लैब पर सरकारी वेतन बिल बनाने के लिए भी प्रयास किए गए लेकिन बाद में यह व्यवस्था भी यहां नहीं चल पाई।
शुरू हुआ विद्यार्थी सेवा एवं परामर्श केंद्र
वर्ष 2015 में इसी केंद्र में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थी सेवा एवं परामर्श केंद्र तो शुरू कर दिया लेकिन इससे होने वाली आय सीधे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को भेजी जाती थी। ऐसे में इससे भी जिला कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र को कोई लाभ नहीं हुआ। अब इस केंद्र में विद्यार्थी सेवा एवं परामर्श केंद्र से विद्यार्थी अंकतालिका आदि दस्तावेज तो तैयार करवा रहे हैं तथा इसकी एवज में राशि का भुगतान भी कर रहे हैं लेकिन केंद्र को इससे कोई लाभ नहीं हो रहा है।
उच्च स्तर पर भेजा प्रस्ताव
लैब में वर्तमान में पी थ्री श्रेणी के 49 कम्प्यूटर हैं। ये अपडेट नहीं हैं तथा उपयोग के योग्य नहीं है। पिछले तीन वर्ष से इसमें कार्य नहीं होने से आय शून्य है। लैब शुरू करवाने के लिए उच्च स्तर पर प्रस्ताव भिजवाया हुआ है। लैब शुरू होने से विद्यार्थियों को लाभ होगा।
-भूपेश शर्मा, प्रभारी, जिला कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, श्रीगंगानगर
Published on:
23 Jul 2018 09:18 pm
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