
file photo
हनुमानगढ़.
राज्य की नहरों में पंजाब से आ रहे प्रदूषित पानी को रोकने संबंधी मामले की सुनवाई बुधवार को ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली में हुई। इसमें ट्रिब्यूनल ने कड़े शब्दों में पंजाब को चेताकर प्रदूषण रोकने को लेकर पुख्ता व्यवस्था करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ताओं के वकील एडवोकेट डीके शर्मा ने चेयरमैन से कहा कि पंजाब लगातार प्रदूषित पानी व अपशिष्ट प्रदेश की नहरों में डाल रहा है। जिससे राजस्थान के कई जिलों के लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं। अपनी दलील में पंजाब से आए प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार से बजट की मांग कर रखी है।
साथ ही अपने स्तर पर प्रदूषण की रोकथाम को लेकर सभी प्रयास कर रहे हैं। लेकिन बजट बिना उचित संसाधन नहीं मिल रहे। जिसके कारण प्रदूषण रोकने में दिक्कत आ रही है। रोकथाम के प्रयासों के लिए पंजाब ने कुछ समय और मांगा तो ट्रिब्यूनल ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की दलील से नाखुश चेयरमैन ने कहा कि आप लोग बजट की बात कहकर टालमटोल करते रहो। अब चाहे आपको बजट मिले या नहीं मिले, ट्रिब्यूनल 24 को अपना फैसला जरूर सुनाएगा। उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली ने इंदिरागांधी नहर में प्रदूषित पानी प्रवाहित होने की समस्या को गंभीर बताकर इसके समाधान को लेकर संबंधित पक्षकारों से जवाब तलब किया था।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राजस्थान की नहरों को जलापूर्ति देने वाली सतलुज-व्यास नदियों में पंजाब में बड़े पैमाने पर औद्योगिक अपशिष्ट डाले जा रहे हैं। वहां काला संघिया व फगवाड़ा ड्रेन तथा बुड्ढ़ा नाला में चमड़ा फैक्ट्रियों व अन्य उद्योगों का अपशिष्ट तथा सीवरेज का पानी छोड़े जाने से राजस्थान में हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर व बाड़मेर जिलों के दो करोड़ नागरिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
राजस्थान की नहरों में पंजाब से आ रहे प्रदूषित पानी के मुद्दे पर पूर्व जिला प्रमुख शोभा डूडी, पूर्व उप जिला प्रमुख शबनम गोदारा व हनुमानगढ़ पंचायत समिति के पूर्व उप प्रधान राजेन्द्र प्रसाद नायक ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। तब से मामले की सुनवाई निरंतर ट्रिब्यूनल में हो रही है।
Published on:
18 Jul 2018 08:00 pm
बड़ी खबरें
View Allश्री गंगानगर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
