आप ही बताओ। बुधवार को भाजपा पार्षदों ने अपनी पीड़ा नगर परिषद आयुक्त सचिन यादव के समक्ष रखी। पार्षदों ने बिना भेदभाव सफाई कर्मियां की संख्या तय करने की मांग की। पार्षदों का कहना था कि सत्तारुढ़ खेमे के पार्षदों के वार्डो में सफाई कर्मी अधिक है जबकि भाजपाई पार्षदों के वार्डो में सफाई कर्मियों की संख्या नाम मात्र की है।
लंबे समय बाद भाजपा पार्षद एकत्रित होकर आयुक्त को ज्ञापन भी दिया। पूरे शहर में स्ट्रीट लाइट और पाकों में बंद पड़ी लाइटों को ठीक करने की भी मांग की। इसके बाद इन पार्षदों ने जवाहरनगर स्थित सीवर बिछाने की नोडल एजेंसी आरयूआईडीपी केऑफिस में जाकर वहां एक्सईएन का घेराव किया गया। इन पार्षदों का कहना था कि बिना गुणवत्ता के बनाई जा रही सडक़ों के मात्र 15 दिनों में टूट रही है।
इसके साथ साथ पिछले छह माह से कई सड़कों का जीर्णोद्धार तक नहीं हुआ है। इस अवसर पर नगर परिषद उप सभापति लोकेश मनचंदा, पूर्व उप सभापति लक्की दावड़ा, कमल नारंग, अमित चलाना, हरविन्द्र पाण्डे, प्रियंक भाटी, जगदीश कुमार, अशोक मुजराल, अमरजीत गिल, मनीराम स्वामी, विशु मिड्ढा, पवन माटा, बंटी पाहुजा, चेष्टा सरदाना, सेम कालड़ा, लक्ष्मी जाटव, रमेश आदि उपस्थित थे।
इससे पहले वार्ड ४३ के पार्षद सुशील चौधरी पप्पू ने आयुक्त से शिकायत की। इस पार्षद का कहना था कि नगर परिषद ने उनके वार्ड में इंटरलोकिंग टाइल्स बिछाने का कार्य आदेश जिस स्थल पर कियाथा वहां यह निर्माण नहीं हो रहा है।
सभापति ने पूर्व पार्षद के कहे अनुसार ठेकेदार से अपनी मनमर्जी से निर्माण करवाना शुरू कर दिया है। यहां तक कि शिलान्यास तक कर दिया है। यह सुनकर आयुक्त ने उसी समय अभियताओं को यह निर्माण कार्य रुकवाने और संबंधित ठेका फर्म के संचालक को तलब करने के निर्देश दिए।
वार्ड पार्षद पप्पू ने बताया कि सत्तारुढ़ खेमे के कुछ लोग नगर परिषद आयुक्त के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे है। ठेकेदार भी बेलगाम हो गए है। उन्हेांने इस संबंध में डीएलबी निदेशक को भी पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है। इधर, नगर परिषद प्रशासन ने संबंधित ठेकेदार को तलब कर उस पर पैनल्टी लगाने की प्रक्रिया शुरू की है।