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पीबीएम अस्पताल के जेड वार्ड में भर्ती सजायाफ्ता एक बंदी शुक्रवार को तड़के फरार हो गया। बंदी के फरारी का पता सुबह उसकी सुरक्षा में लगे चालानी गार्ड की नींद खुलने पर लगा।
चालानी गार्ड ने पहले तो बंदी को अस्पताल परिसर में तलाशा लेकिन नहीं मिलने पर पुलिस कंट्रोल रूम और आला अधिकारियों को सूचना दी।
बंदी फरारी की सूचना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप-सा मच गया। बंदी की धरपकड़ के लिए अस्पताल के वार्डों में तलाशी ली गई वहीं जिलेभर में नाकाबंदी भी कराई।
झुंझुनूं के एक शिक्षण संस्थान में काउंसलर रहे संदीप पाराशर (45) अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था।
इसे दो साल पहले झुंझुनूं के सेशन न्यायालय ने सजा सुनाई थी। उसके बाद से यह बीकानेर केन्द्रीय कारागार में बंद था। बंदी के दायें हाथ में फे्रक्चर होने के कारण उसका ऑपरेशन होना था।
इसलिए उसे दो अगस्त-2016 को ही पीबीएम में भर्ती कराया गया था। बंदी की सुरक्षा में एक हैड कांस्टेबल सहित चार कांस्टेबलों को तैनात किया गया था।
गुरुवार की रात को दो चालानी गार्ड कांस्टेबल राजेन्द्रसिंह व शंकरलाल तैनात थे। गुरुवार रात को करीब साढ़े 12 बजे दोनों चालानी गार्ड वार्ड के बाहर सो गए।
सुबह करीब सवा चार बजे नींद खुली तो बंदी संदीप हथकड़ी सहित चारपाई से गायब था। पहले तो दोनों गार्ड ने अपने स्तर पर उसे अस्पताल परिसर में खोजबीन की। बाद में पांच बजे पुलिस कंट्रोल रूम और गार्ड प्रभारी अरुण मिश्रा को दी।
बाद में सदर सीओ राजेन्द्र सिंह, थानाप्रभारी सदर और चालानी गार्ड प्रभारी अरुण मीणा ने पीबीएम अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी देखे।
प्रारंभिक पूछताछ में वार्ड में पता चला कि करीब चार बजे बंदी संदीप उठा और बाहर गया था। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों व उनके परिजनों ने उसे शौच जाने का समझकर कांस्टेबलों को जगाया नहीं।
बंदी संदीप मौके का फायदा उठाकर रफूचक्कर हो गया। चालानी गार्ड कांस्टेबल शंकरलाल की रिपोर्ट पर सदर थाने में बंदी संदीप के खिलाफ फरारी का मामला दर्ज किया गया है।
फरारी पर उठते सवाल
सजायाफ्ता बंदी संदीप की पुलिस गार्ड की मौजूदगी में फरारी से जुड़ी इस घटना पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बंदी संदीप के हाथ में लगी हथकड़ी का एक हिस्सा चारपाई से बंधा था तो फिर उसने स्वयं कैसे खोला।
संदीप ने पूर्व में भी अस्पताल में भर्ती के दौरान भागने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुआ। जब कोई बंदी पहले भी फरारी का प्रयास कर चुका था तो फिर इस बार उसकी निगरानी में तैनात चालानी गार्ड ने लापरवाही क्यों बरती। संदीप फरारी मामले में चालानी गार्डों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।
इन पर गिरी गाज
चालानी गार्ड प्रभारी हैड कांस्टेबल अरुण मिश्रा, कांस्टेबल राजेन्द्रसिंह, शकरलाल, जयचंद, बीकेश को पुलिस अधीक्षक ने तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
बंदी फरारी का मामला गंभीर है। चालानी गार्ड की लापरवाही से होना प्रतीत हो रहा है। चालानी गार्ड प्रभारी सहित पांचों कांस्टेबलों को सस्पेंड कर दिया गया है। बंदी की धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. अमनदीपसिंह कपूर, पुलिस अधीक्षक
Published on:
06 Aug 2016 12:20 am
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