श्रीगंगानगर सहित राजस्थान में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की गेहूं की गुणवत्ता के निर्धारित मानकों में छूट दी गई है।
श्रीगंगानगर. भारत सरकार उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद में निर्धारित मानकों में छूट दे दी है। इलाके के किसानों के लिए बड़ी फायदेमंद साबित होगी। इसी के साथ अब एमएसपी पर गेहूं की खरीद में तेजी आएगी। श्रीगंगानगर मंडल में एफसीआई को इस सीजन में 12 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य है। खात्र मंत्रालय की सहायक निदेशक (भंडारण एवं अनुसंधान प्रभाग) डॉ.प्रीति शुक्ला ने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग जयपुर की सचिव को परिपत्र जारी किया है।
इसमें श्रीगंगानगर सहित राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की गेहूं की गुणवत्ता के निर्धारित मानकों में छूट दी गई है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (भंडारण एवं अनुसंधान प्रभाग) की टीम के तकनीकी अधिकारी राकेश बराला व तकनीकी अधिकारी सुभाष ढिंढवाला की टीम ने शनिवार को भारतीय खाद्य निगम श्रीगंगानगर के मुय कार्यालय स्थित लैब में श्रीगंगानगर,अनूपगढ़ व हनुमानगढ़ जिले की डेढ़ दर्जन मंडियों से लिए गए गेहूं के 106 नमूनों की विश्लेषानात्मक रिपोर्ट तैयार कर खाद्य मंत्रालय नई दिल्ली को रिपोर्ट भेजी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर सोमवार सुबह ही खाद्य मंत्रालय से छूट से संबंधित आदेश जारी हुए हैं।
श्रीगंगानगर कलक्टर ने गुणवत्ता निरीक्षक एवं प्रबंधक के विश्लेषणानुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए किसानों की ओर से लाए जा रहे गेहूं में कम क्षतिग्रस्त दाने का प्रतिशत 3.40 प्रतिशत से लेकर 14 प्रतिशत पाया गया था जो कि आरएमएस 2024-2025 में भारत सरकार की ओर से निर्धारित मानकों में कम क्षतिग्रस्त दाने की अधिकतम सीमा चार प्रतिशत से अधिक था। इसके साथ ही श्रीगंगानगर जिले में पकाई से पूर्व हुई बेमौसम बारिश, आंधी, तूफान आदि के कारण खेतों में खड़ी, कटी हुई फसल को गुणात्मक एवं मात्रात्मक क्षति हुई है। इसके कारण किसानों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में भारतीय खाद्य निगम को भारत सरकार के निर्धारित मानकों में छूट देने की मांग की गई।
भारत सरकार उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (भंडारण एवं अनुसंधान प्रभाग) ने छूट के साथ गेहूं की खरीद के लिए कुछ अलग व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया है। इस प्रकार के खरीदे गए गेहूं का ढेर का हिसाब अलग से रखना होगा। भंडारण के दौरान शिथिल मानदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं स्टॉक की गुणवत्ता में किसी भी तरह की गिरावट की पूरी जिमेदारी राज्य सरकार की होगी।शिथिल विशिष्टताओं के तहत खरीदे गए गेहूं के स्टॉक को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त करना होगा। इस छूट के कारण होने वाले किसी भी वित्तीय या परिचालन प्रभाव की जिमेदारी राज्य सरकार की होगी।
गेहूं की एमएसपी पर खरीद के लिए गुणवत्ता की दृष्टि से निर्धारित मानकों में छूट मिल चुकी है। अब गेहूं की खरीद में तेजी आएगी। इस बार एमएसपी व बोनस में कोई कटौती नहीं होगी।