
SriGanganagar सौरभ स्वामी होंगे श्रीगंगानगर के नए जिला कलक्टर
श्रीगंगानगर। आईएएस सौरभ स्वामी अब श्रीगंगानगर के नए जिला कलक्टर होंगे। स्वामी अब तक प्रतापगढ़ कलक्टर थे। राज्य सरकार ने आईएएस तबादलों की सूची में स्वामी को श्रीगंगानगर कलक्टर के पद पर नियुक्ति आदेश जारी किए है। वहीं मौजूदा कलक्टर रुक्मिणी रियार सिहाग का तबादला हनुमानगढ कर दिया है। रियार को हनुमानगढ़ जिला कलक्टर के पद पर लगाया है। उनके पति सिद्धार्थ सिहाग चूरू के कलक्टर भी है। ऐसे में इस दंपती को हनुमानगढ़ और चूरू पास पास लगा दिया है।
आईएएस स्वामी यहां श्रीगंगानगर में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत रह चुके है। इससे पहले वे एसडीएम के तौर पर काम किया था।स्वामी ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि वे अगले दो दिनों में कलक्टर के रूप में ज्वाइनिंग करने के लिए आ रहे है।
मूल रूप से सौरभ स्वामी हरियाणा के है। एक दिसंबर 1989 को साधारण परिवार में जन्मे सौरभ ने मेहनत के प्रकाश से अपने घर में फैले मुफलिसी के अंधियारे को मिटा दिया।
हरियाणा के चरखी दादरी के रोहतक चौक पर कुल्फी और मिठाई की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा करने वाले संघर्षशील पिता अशोक स्वामी के सपने को उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से न केवल साकार किया बल्कि पहले ही प्रयास में 149वां रैंक प्राप्त कर आईएएस बन गए। सौरभ ने चरखी दादरी के एपीजे स्कूल से 12वीं करने के बाद नई दिल्ली में भारतीय विद्यापीठ से बीटेक. किया। इसके बाद बैंगलोर में इंजीनियर की नौकरी लग गई। नौकरी के दौरान सिविल सर्विस की प्राथमिक परीक्षा उत्तीर्ण की। लेकिन उसके बाद फिसलकर गिरने से हाथ को चोट लग गई। हालांकि चोट के कारण डॉक्टर ने तीन महीने का रेस्ट बताया था, जिससे छुट्टियां करनी पड़ीं। लेकिन सौरभ स्वामी ने नौकरी के दौरान मिली उन छुट्टियों को अवसर माना और सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए। वहां विभिन्न इंस्टीट्यूट्स में तीन महीने तक समय का बेहतर नियोजन किया। मेहनत का परिणाम यह निकला कि 2014 में पहले प्रयास में परीक्षा पास की और 2015 के बैच में आईएएस हो गए।
सौरभ ने बताया कि हालांकि उन्होंने इंजीनियरिंग की थी, लेकिन मुख्य परीक्षा में ज्योग्राफी विषय को चुना। ज्योग्राफी विषय इसलिए क्यों कि तैयारी के लिए कम समय था और इसकी जानकारी अन्य विषयों में भी थोड़ी थोड़ी रहती है। जिसकी नॉलेज पहले से भी थी। इसके बाद एकाग्रता रखकर 17 से 18 घंटे तक पढ़ाई की। उनको सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का पहले उतना आइडिया नहीं था, लेकिन वह भेल, सेल, इसरो की परीक्षाएं तैयारी कर पास कर चुके थे, जिनका अनुभव काम आया। इससे बेसिक पता चल गए थे।
सौरभ स्वामी की मां पुष्पा स्वामी बीएड हैं और गृहिणी हैं तो पिता अशोक स्वामी महज आठवीं तक पढ़े हैं। दो बहनों के इकलौते भाई और साधारण परिवार से संबंध रखने वाले सौरभ स्वामी ने बताया कि वह तो इंजीनियर लग गए थे लेकिन पिता के शब्द कानों में प्रेरणा बनकर गूंजते रहे। सौरभ ने अपने पिता के जुझारूपन से प्रेरणा लेकर अपने आपको मजबूती दी और एकाग्रता से लक्ष्य पाने में जी जान को लगा दिया। यही नहीं, पढ़ाई के दिनों में पिता के काम में भी हाथ बंटाया। सौरभ 12वीं में 89 प्रतिशत अंकों के साथ पूरे चरखी दादरी में अव्वल आए।
2007 में 12वीं के बाद आईआईटी का क्रेज था। सौरभ स्वामी का आईएएस में राजस्थान का कैडर रहा। पाली जिले में ट्रेनिंग के बाद उनकी प्रतापगढ़, श्रीगंगानगर में एसडीएम और जिला परिषद सीईओ की पोस्टिंग रही। फरवरी 2020 से राजस्थान के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय और सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद उनको प्रतापगढ़ कलक्टर लगाया गया। शनिवार को राज्य सरकार ने आईएएस की तबादला सूची में स्वामी को यहां श्रीगंगानगर कलक्टर के पद पर लगाया है।
Updated on:
28 Oct 2022 12:52 pm
Published on:
28 Oct 2022 12:51 pm
बड़ी खबरें
View Allश्री गंगानगर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
