सुबह 8 बजे के बाद जयपुर के लिए बस सेवा न होने के कारण सरदारशहर, सीकर और जयपुर जाने वाले यात्री परेशान रहे। इसी तरह अनूपगढ़-घड़साना रावला के लिए सीधी बस सेवा न होने के कारण सवारियों को बसें बदल-बदल कर गंतव्य स्थान पर पहुंचना पड़ा। लोक परिवहन बस सेवाओं में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला गया। पंजाब के लिए बस स्टैण्ड के बाहर पंजाब रोडवेज की बसें तय शैड्यूल के मुताबिक चली। हरियाणा रोडवेज की बसें भी गुरुवार को नजर नहीं आई।
26 कर्मचारियों ने दी ड्यूटी
गंगानगर आगार की 123 बसें केन्द्रीय बस स्टैण्ड और वर्कशॉप में खड़ी रही। लगभग सवा चार सौ रोडवेज कर्मचारियों में से 26 कर्मचारी दूसरे दिन भी काम पर आए। ड्यूटी देने वाले ये कर्मचारी बीएमएस से जुड़े हुए हैं और इन्होंने हड़ताल में शामिल होने से पहले ही इंकार कर दिया था।
इनका कहना है
हड़ताल मजबूरी
‘राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों ने यह हड़ताल मजबूरी में की है। सरकार को कई बार ज्ञापन देकर मांगें मानने के लिए कहा गया, लेकिन रोडवेज प्रबंधन ने बार-बार आग्रह के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। यह सही है कि रोडवेज कर्मियों की इस हड़ताल से आम आदमी की परेशानी बढ़ी है। इसके लिए हमें खेद है। रोडवेज कर्मियों की मुख्य मांग अब सातवें वेतनमान के अनुरूप भुगतान करना है।Ó
– सतीश बेदी, रोडवेज कर्मचारी नेता
एक घंटे बाद मिली बस
‘राजस्थान रोडवेज कर्मियों की हड़ताल से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहले हर पांच मिनट बाद बस सेवा उपलब्ध हो जाती थी, लेकिन अब एक-एक घंटे बस का इंतजार करना पड़ रहा है।’
– पवन कुमार, यात्री
हमारे पास विकल्प नहीं
‘रोडवेज कर्मियों की हड़ताल के कारण हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हड़ताल खत्म होने के बाद ही आम आदमी को राहत मिल पाएगी। रोडवेज की बसें न चलने से लोगों को दिक्कत तो उठानी ही पड़ी है।’
– अजय मीणा, कार्यवाहक मुख्य प्रबंधक राजस्थान रोडवेज, श्रीगंगानगर