श्रीगंगानगर.करणपुर क्षेत्र में इस बार गन्ने की फसल गंभीर जल संकट की चपेट में आ गई है। गंगनहर में लंबी नहरबंदी और समय पर पर्याप्त बारिश नहीं होने से गन्ने की बुवाई से लेकर उत्पादन तक पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसका सीधा प्रभाव कमीनपुरा स्थित राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल लिमिटेड की पिराई क्षमता पर पड़ता दिखाई दे रहा है। मिल प्रबंधन के अनुसार पिराई सत्र 24 दिसंबर से शुरू करने का प्रस्ताव जयपुर भेजा गया है। अनुमति मिलते ही मशीनें चालू होंगी, जबकि 16 दिसंबर को बॉयलर को अग्नि दी जाएगी।
हालांकि, इस सत्र की सबसे बड़ी चुनौती गन्ने की उपलब्धता है। पानी की कमी ने खेतों की तस्वीर बदल दी है। पिछले वर्ष जहां 19,103 बीघा में गन्ने की बुवाई हुई थी, वहीं इस बार यह घटकर 12,387 बीघा रह गई है। यानी 6,716 बीघा क्षेत्र में सीधी गिरावट दर्ज की गई। अप्रेल, मई और जून में नहरबंदी के चलते खेतों तक सिंचाई का पर्याप्त पानी नहीं पहुंच सका। शुरुआती अवस्था में पौधों की वृद्धि प्रभावित हुई, जिससे कई किसानों ने या तो गन्ने की बुवाई छोड़ी या क्षेत्र कम कर दिया।
राहत की बात यह है कि इस बार गन्ने का मूल्य 401 रुपए से बढ़ाकर 416 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पंजाब की दर के बराबर है। इसके बावजूद उत्पादन में आई भारी गिरावट से मिल और किसानों दोनों की चिंता बढ़ी हुई है।
चार लाख क्विंटल तक कम गन्ना पिराई के लिए उपलब्ध
शुगर मिल के उप महाप्रबंधक सुधीर जावला के अनुसार करणपुर, गजसिंहपुर, केसरीसिंहपुर, पदमपुर, श्रीगंगानगर और श्रीविजयनगर क्षेत्र में गन्ना उत्पादन होता है। पिछले सत्र में कुल 34 लाख क्विंटल गन्ना पैदा हुआ था, जबकि इस बार अनुमानित उत्पादन महज 20 लाख क्विंटल रहने की संभावना है। यानी करीब 14 लाख क्विंटल का नुकसान। इसका असर मिल की पिराई पर भी पड़ेगा। जहां पिछले वर्ष 15.91 लाख क्विंटल गन्ने की आवक हुई थी, वहीं इस बार यह घटकर करीब 12 लाख क्विंटल रहने के आसार हैं।
पंजाब की ओर शिफ्ट हो रहा गन्ना
आवक कम होने और पिराई सत्र में संभावित देरी के चलते किसानों का झुकाव पड़ोसी राज्य पंजाब की शुगर मिलों की ओर बढ़ा है। धूरी और फाजिल्का की मिलों में समय पर पिराई और भुगतान की उम्मीद में किसान वहां गन्ना भेज रहे हैं।
उच्च स्तर पर प्रस्ताव भेजा
शुगर मिल में पिराई सत्र 24 दिसंबर से शुरू करने के लिए उच्च स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है और शीघ्र अनुमति मिलने की संभावना है। गंगनहर में सिंचाई पानी की कमी के कारण इस बार गन्ने की बुवाई और उत्पादन दोनों में गिरावट आई है। मिल को पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कम गन्ना पिराई के लिए मिलेगा।
प्रदीप कुमार अरोड़ा, महाप्रबंधक, राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल लिमिटेड, श्रीगंगानगर