
रायसिंहनगर.
इलाज में कोताही जहां एक घर का इकलौता चिराग बुझा गई, वहीं आरोपित डॉक्टर खुद को सही साबित करने के लिए लगातार आपत्तिजनक पोस्ट डालता रहा। घर में हुई जवान मृत्यु के बाद अपना सब कुछ खो चुके परिजनों के धैर्य का सब्र टूटा तो वे डॉक्टर के निजी नर्सिंग होम पर चले गए। नर्सिंग होम पर परिजनों के साथ गांव के अन्य लोग भी डॉक्टर की हरकत को देखकर साथ हो लिए तथा जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश कर भीड़ को हटाया। हालांकि दोपहर तक समझौते के प्रयास चलते रहे लेकिन समझौता नहीं हो पाया। इस पर पुलिस ने चिकित्सक के खिलाफ इलाज में लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
इस तरह शुरू हुआ विवाद
चक 23 पीएस निवासी तेजेन्द्रसिंह ने अपने इकलौते बेटे दीपू को तबीयत खराब होने पर कस्बे के मिश्रा नर्सिंग होम में भर्ती करवाया। यहां चिकित्सक ने उसे हर्निया का ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। इस पर परिजन सहमत हो गए। ऑपरेशन के दौरान भी चिकित्सक डॉ. महेश मिश्रा ने परिजनों को अन्य बीमारी होने की जानकारी देते हुए एक और ऑपरेशन करवाने की सलाह दी। इस पर परिजनों ने सहमति दे दी। ऑपरेशन के बाद चिकित्सक ने युवक को लुधियाना के लिए रैफर कर दिया। चिकित्सक की सलाह पर युवक को लुधियाना ले जाया गया। वहां चार दिन तक चले इलाज के बाद युवक की मृत्यु हो गई। परिजनों ने चिकित्सक से संपर्क किया तो उसने बताया कि युवक का सही होना संभव नहीं था।
सोशल मीडिया पर डॉक्टर के कमेंट्स से बिगड़ी बात
परिजनों के अनुसार डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया तो सोशल मीडिया पर किसी व्हाट्सअप ग्रुप में चिकित्सक ने खुद को सही साबित करने के लिए परिजनों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। आरोप है कि डॉक्टर महेश मिश्रा पिछले चार दिन से लगातार सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कमेंट्स कर रहा था। इससे आक्रोशित परिजनों ने शनिवार सुबह उसके नर्सिंग होम को घेर लिया तथा हंगामा कर दिया। उधर परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने डॉ. महेश मिश्रा के खिलाफ इलाज में लापरवाही के आरोप में मामला दर्ज किया है।
Published on:
29 Apr 2018 08:56 am
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