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गुलाबों की महक, लाखों का व्यापार

दिवाली पर होता है सबसे ज्यादा उपयोग

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श्रीगंगानगर.

गुलाब का नाम आते ही फिजां में खुशबूं सी तैरने लगती है। श्रीगंगानगर में इसी गुलाब पर प्रति माह लाखों रुपए का व्यापार होता है। इन व्यापारियों में से कुछ शहर के बाहर से गुलाब मंगवाते हैं जबकि देशी गुलाब का भी काफी बड़ा बाजार श्रीगंगानगर में है। पुष्प विक्रेता बताते हैं कि यदि दैनिक खपत की बात करें तो श्रीगंगानगर में करीब ढाई क्विंटल गुलाब की खपत प्रतिदिन होती है। इसकी आपूर्ति के लिए शहर के आसपास के इलाकों में किसानों ने गुलाब की खेती को ही जरिया बनाया हुआ है। कई बड़े पुष्प विक्रेताओं ने इनमें से कई खेतों को ठेके पर लिया हुआ है तथा यहां दैनिक उत्पादन को अपने यहां विक्रय करते हैं।

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ये गुलाब हैं बाजार में
श्रीगंगानगर में सबसे ज्यादा खपत देशी गुलाब की ही है। यह श्रीगंगानगर में ही पैदा होता है, इसकी दैनिक बिक्री विवाह शादियों में ज्यादा हो जाती है जबकि सामान्य दिनों में दो ढाई क्विंटल तक गुलाब पूरे शहर में बिकता है। इसके अलावा पीले, नारंगी, गहरे लाल, लाल आदि रंगों में भी गुलाब आते हैं लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है। इनका उपयोग केवल गुलदस्तों में ही होता है अथवा विशेष अवसरों पर भेंट के लिए ही ये गुलाब लाए जाते है। इनके अलावा कट रोज की सबसे ज्यादा मांग फरवरी माह में रहती है। वेलेंटाइन डे के कारण इस माह करीब दो से तीन हजार गुलाब विशेष रूप से यहां मंगवाए जाते हैं तथा इनके एक गुलाब की कीमत ही पचास से सौ रुपए तक होती है।


दिवाली पर सबसे ज्यादा मांग
गुलाब की सबसे ज्यादा मांग दिवाली पर निकलती है। पुष्प के थोक विक्रेता रामसुख बताते हैं कि दिवाली पर तो करीब आठ क्विंटल गुलाब एक ही दिन में बिक जाता है जबकि नवरात्र में नौ दिन तक प्रतिदिन करीब चार से पांच क्विंटल तक की खपत रहती है। इसी प्रकार विवाह मुहूर्त की अधिकता होने पर सजावट आदि में उपयोग होने पर दैनिक पांच क्विंटल तक गुलाब की बिक्री हो जाती है।