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अध्यापकों का गांव बना राजस्थान का ये ग्राम, शिक्षा विभाग में सर्वाधिक 160 लोग

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का गांव बीरमाना। गांव की विशेषता है कि यहां सर्वाधिक 160 लोग शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं तथा करीब 450 से अधिक लोग सरकारी सेवा में है।

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राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का गांव बीरमाना । कहने को छोटा सा लेकिन इस गांव का इतिहास बेहद पुराना है। करीब दो सौ वर्ष पूर्व वर्ष 1823 में इसकी स्थापना गेबीसर के नाम से हुई। इसे यह नाम क्यों मिला। इसके कोई प्रमाणिक साक्ष्य तो नहीं मिलते लेकिन बीरमाना के रूप में इसे पहचान दिलाई सरूपीर महाराज के या मंदिर के पुजारी बीरूराम ने।

बीरूराम के नाम पर ही गांव का नाम बीरमाना पड़ गया। गांव की विशेषता है कि यहां सर्वाधिक 160 लोग शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं तथा करीब 450 से अधिक लोग सरकारी सेवा में है। गांव में वर्ष 1957 में पांचवी, 1962 में आठवीं 1980 में दसवीं, 2000 में बारहवीं की कक्षाएं शुरू हुई। बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष 1989-90 में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत भी ये इस गांव का दौरा कर चुके हैं।

इंदिरा गांधी मुख्य नहर व अनूपगढ़ शाखा के बीच बसे इस गांव में ग्रामीण कृषि कार्यों के साथ-साथ नौकरी पर निर्भर है। करीब 27 मुरब्बा की आबादी में बसे इस गांव 921घरों की आबादी है और यहां करीब पांच हजार लोग रहते हैं।

बीरमाना ग्राम पंचायत सूरतगढ़ उपखंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। वर्ष 1994 से पहले तक गोपालसर ग्राम पंचायत भी इसमें सम्मिलित थी। इसके बाद वर्ष 2014 में हरदासवाली ग्राम पंचायत अलग हुई। पंचायत राज लागू होने के बाद से अब तक कुल 13 सरपंच अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।

चौहान ने जगाई शिक्षा की अलख

गौरतलब है कि गांव में शिक्षा की अलख जगाने वालों में अध्यापक रामेश्वरदास चौहान का नाम शिद्दत से लिया जाता है। इन्होंने ग्रामीणों को शिक्षा के प्रति जागरूक और प्रेरित किया। इसके अलावा गांव में जनसहयोग से विद्यालय में भवन का निर्माण भी करवाया गया। इसके अलावा क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर आने से गांव की तस्वीर ही बदल गई। गांव में अब छोटा सा बाजार भी विकसित हो गया है।

गांव में 1986 में पहुंची विद्युत

गांव बीरमाना 1986 में ही बिजली से जुड़ गया था। गांव में अक्टूबर 1985 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर गांव के पास स्थित 60 आरडी पर हाइडल पावर हाऊस का उद्घाटन करने आए तो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गांव में बिजली की मांग की। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए दो से तीन महीनों में गांव में बिजली आपूर्ति शुरू करवा दी थी।

बीरमाना में ये है सुविधाए उपलब्ध

गांव में राजकीय महाविद्यालय, विद्युत विभाग सहायक अभियंता कार्यालय, राज्य सरकार की ओर से कृषि उपज मंडी का सब यार्ड स्वीकृत है। यहां एक सरकारी और चार निजी उच्च माध्यमिक विद्यालय है। गांव स्टेट व नेशनल हाइवे को जोडऩे वाली श्रीविजयनगर सड़क पर स्थित है।

गांव में राजकीय आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुर्वेदिक अस्पताल और राजकीय पशु चिकित्सालय है। यहां 33/11 केवी विद्युत जीएसएस और बैंक सुविधा तथा मोबाइल और टेलीफोन कंपनियों की दूरसंचार सेवा है। इसके अलावा ई मित्रा, ग्राम सेवा सहकारी समिति, पटवार मंडल, पंचायत भवन और किसान भवन, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, आंगनबाड़ी केंद्र और डाक विभाग आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत बीरमाना विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।