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श्रीगंगानगर.
रिश्वत लेने के जुर्म में अदालत ने एक पटवारी को दोषी मानते हुए दो साल कठोर कारावास व दस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।यह निर्णय गुरुवार को भ्रष्टाचार निवारण मामलों की स्पेशल कोर्ट ने सुनाया। पटवारी ने आठ साल पहले एक काश्तकार से जमाबंदी की नकल के एवज में आठ सौ रुपए रिश्वत के रूप में लिए थे। भ्रष्टाचार निवारण मामलों की स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला ।
अपर लोक अभियोजक पवन जोशी ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले के गांव लखूवाली निवासी श्रवण खां पुत्र ज्याम हाजी ने 24 सितम्बर 2009 को हनुमानगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो चौकी को शिकायत की थी। इसमें बताया था कि उसकी 15 आरपी में सात बीघा भूमि है। खेत में कुंड बनाने के लिए मिलने वाले अनुदान के लिए आवेदन करना था। इसके लिए जमाबंदी की नकल की जरूरत हुई।
उसने हलका पटवारी और हनुमानगढ़ जंक्शन वार्ड 39 सेक्टर छह निवासी नत्थूराम पुत्र बुधराम मेघवाल से संपर्क किया। पटवारी ने जमाबंदी के लिए कई चक्कर कटवाए और फिर आठ सौ रुपए रिश्वत मांगी। एसीबी टीम ने 25 सितम्बर 2009 को हनुमानगढ़ पटवार घर में पटवारी को पकडऩे के लिए जाल बिछाया। जैसे ही श्रवण खां से पटवारी ने रिश्वत ली तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
तब पटवारी बोला कि साहब गलती हो गई
जैसे ही पटवारी को रिश्वत लेते पकड़ा तो उसने एसीबी अधिकारियों से कहा कि साहब गलती हो गई है, माफ कर दो। इस पर अधिकारियों ने उसे रिश्वत राशि जब्त कर गिरफ्तारी की और अदालत में चालान पेश किया। ।
Published on:
30 Nov 2017 07:12 pm
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