
कृष्ण चौहान/श्रीगंगानगर.
राजस्थान के चार बड़े शहरों के अलावा श्रीगंगानगर से देश की पहली सेमी हाई स्पीड बुलेट ट्रेन वंदे भारत 180 की स्पीड से दौड़ेगी। इतनी स्पीड होने के बावजूद ट्रेन के भीतर पानी से भरे हुए गिलास से एक बूंद भी नहीं छलकेगी। इस रेल का हाल ही में कोटा में ट्रायल हुआ, जो सफल रहा था। रेलवे के अनुसार यह ट्रेन जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर व श्रीगंगानगर से चलेगी। यह गाड़ी दिल्ली तक चलेगी और अपनी स्पीड के कारण वर्तमान में चलने वाली गाडिय़ों से आधे समय में ही सफर तय कर लेगी।
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यह गाड़ी पूरी तरह वातानुकूलित है, जो हवाई जहाज जैसे महंगे सफर का अहसास करवाएगी। उत्तर पश्चिमी रेलवे के अनुसार सितंबर 2023 तक इस गाड़ी के छह रैक पटरी पर होंगे। राजस्थान के विभिन्न शहरों में यह ट्रेन चलाने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें 150 करोड़ रुपए जोधपुर ट्रेन के डिपो के लिए होगी। बाकी राशि अन्य डिपो पर खर्च की जाएगी।
यहां होगी मेंटनेंस:
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन राजस्थान के छह रेलवे स्टेशन पर आएगी। श्रीगंगानगर, जयपुर, मदार, अजमेर, उदयपुर व जोधपुर में इसकी मेंटेनेंस की जाएगी। इस वास्ते कोच व वैगन डिपो तैयार किया जाएगा। इसके लिए बजट भी स्वीकृत हो चुका है। उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल बीकानेर ने श्रीगंगानगर कोच एवं वैगन प्रभारी से इस गाड़ी के मेंटेनेंस के लिए पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसको लेकर यहां पर तैयारियां चल रही है।
जारी है प्रक्रिया:
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन राज्य में कई जगह से चलेगी। इस गाड़ी की मेंटेनेस के लिए श्रीगंगानगर रेलवे स्टेशन पर डिपो के लिए बजट स्वीकृत हुआ है। गाड़ी यहां से शुरू होगी, इसकी प्रक्रिया चल रही है। -अनिल रैना, सीनियर डीसीएम, उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल, बीकानेर।
लग्जरी सुविधाओंसे युक्त:
- ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन युक्त होगी। जीपीएस व सीसीटीवी से लैस होगी। वैक्यूम बेस्ड बायो टॉयलेट, इमरेजेंसी पुश बटन, यूरोपियन स्टाइल चेयर, फ्लाइट जैसे लगेज रैक।
- ट्रेन की डिजाइन ऐसी है कि पटरियां दो फीट तक बाढ़ में भी डूब जाए, तब भी आसानी से दौड़ सकेगी।
- वाई-फाई से लैस होगी। इसमें 32 ईंची एलसीडी होंगी, जबकि ट्रेन के पहले वर्जन में 24 इंची है।
- ट्रेन में तीन घंटे का बेटरी बैकअप होगा। इसके 16 डिब्बों में 1196 लोग कर सकेंगे सफर।
पानी से भरे गिलास से नहीं छलकी बूंद:
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह ट्रेन 24 अगस्त को पहुंची थी। कोटा में छह ट्रायल हुए। पहला कोटा और घाट का बराना, दूसरा घाट का बराना और कोटा, तीसरा कुर्लासी और रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन, चौथा और पांचवां कुर्जासी और रामगंज मंडी और छठा ट्रायल रामगंज मंडी और लबाना डाउन लाइन पर हुआ। इस ट्रायल के दौरान ट्रेन की स्पीड 180 किमी प्रति घंटा रही। पानी का भरा हुआ गिलास रखकर ये ट्रायल किए, लेकिन 180 की स्पीड के बावजूद पानी नहीं छलका सका। ट्रेन का डिजायन इस तरह से बनाया गया है कि इसमें झटके महसूस नहीं होंगे।
Published on:
20 Sept 2022 12:43 pm
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