Video: श्रीगंगानगर में छा गए बादल, बढ़ी सर्दी श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर जिला कलक्टर आवास के पास बने महाराजा गंगासिंह राजकीय तरणताल में आजकल गोबर के उपले सूखाए जा रहे हैं। 1995 में तत्कालीन जिला कलक्टर करणी सिंह ने रुचि दिखाते हुए पीएचईडी कॉलोनी में डिग्गी के स्थान पर तरणताल बनाने का निर्णय लिया और लाखों रुपए का बजट लगाया था। इसके बावजूद इसका सदुपयोग प्रशासनिक अधिकारी नहीं कर पाए। महाराजा गंगासिंह राजकीय तरणताल पचास फीट लंबा और पच्चीस फीट चौड़ा है।
Video: ट्रेन के आगे कूदकर की आत्महत्या तैराक और 2015 में तरणताल कोच जिले के छात्रों और युवाओं को तैराकी में एक्सपर्ट बनाने के लिए बनाए गए स्वीमिंग पूल में आजकल एक भी बूंद पानी नहीं है। राजकीय स्वीमिंग पूल बंद होने के बाद अब छात्र-छात्रा खिलाडिय़ों के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है। क्योंकि सर्व सुलभ माने जाने वाला महाराजा गंगासिंह राजकीय स्वीमिंग पूल में नाममात्र का शुल्क देकर खिलाड़ी महीने भर तैयारी कर सकता था। लेकिन निजी स्वीमिंग पूल में ऐसा नहीं है वहां प्रति माह ढाई से साढ़े तीन हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं जो छात्रों के लिए संभव नहीं है और स्वीमिंग के प्रति रुझान घट रहा है।