गत माह राज्य सरकार के आदेश के बाद ग्रामीण अंचलों में सीएचसी व पीएचसी सेंटरों पर संचालित होने वाली ग्रामीण जननी सुरक्षा 104 एम्बुलेंस सेवा को 108 एम्बुलेंस सेवा में विलय कर दिया गया।
इसके बाद प्रसूताओं को गांवों में उपलब्ध परिवहन साधनों पर निर्भर रहना पड़ा रहा है और सीएचसी व पीएचसी सेंटर तक पहुंचने के बाद ही रैफर करने की स्थिति में 108 एम्बुलेंस की सेवाएं प्राप्त हो सकती है।
गांव व ढ़ाणी से अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक प्रसूताओं को परिजन निजी साधनों से लाने को मजबूर हैं। कई बार समय पर साधन नहीं मिलने से प्रसूताओं को तकलीफ उठानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में जच्चा व बच्चा दोनों की जान पर जोखिम बन जाता है।