एयरो इंडिया-2017 के दूसरे यहां मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ एस.क्रिस्टोफर ने कहा कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक कू्रज मिसाइल की मारक क्षमता मौजूदा 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमीटर तक की जाएगी। इसके लिए मिसाइल की मारक क्षमता बढ़ाकर उसका परीक्षण 10 मार्च के आसपास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव करने की जरूरत है। सॉफ्टवेयर बदलाव के बाद 450 किलोमीटर मारक क्षमता वाली मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा।
दरअसल, भारत के पास मौजूद ब्रह्मोस मिसाइल सुपरसोनिक है यानी इसकी गति करीब एक किलोमीटर प्रति सेकंड है। वहीं चीन के पास मौजूद मिसाइल सबसोनिक है यानी उसकी गति लगभग 290 मीटर प्रति सेकंड है। आम भाषा में समझे तो ब्रह्मोस चीन के मिसाइल से तीन गुना तेज है और इसे दागने में वक्त भी कम लगता है। इसका निशाना अचूक होता है।
डॉ क्रिस्टोफर ने बताया कि डीआरडीओ ब्रह्मोस मिसाइल का दूसरा संस्करण भी विकसित कर रहा है, जिसकी मारक क्षमता 8 00 किलोमीटर होगी। इस मिसाइल को अगले दो-ढाई वर्ष में विकसित किया जाएगा। भारत और रूस की मदद से बना ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि से तीन गुना रफ्तार से वार करता है। इसे पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमान से दागा जा सकता है।
अग्नि-5 की मारक क्षमता बढ़ाने से इंकार हालांकि, उन्होंने अग्नि-5 की मारक क्षमता बढ़ाने से इनकार किया। डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि अग्नि मिसाइल की मारक क्षमता 5000 किमीसे अधिक है। भारत के जून 2016 में मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण तंत्र (एमटीसीआर) का सदस्य बनने के बाद यह फैसला किया गया है।