6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाँदा : जिला अस्पताल में नवेली बुंदेली कार्यक्रम के तहत नवजात बच्चियों का जन्मदिन मनाया गया

जिला अस्पताल में "नवेली बुंदेली" कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी बाँदा के सौजन्य से हुआ है l इस कार्यक्रम में आज ढेर सारी नवजात बच्चियों को उनकी माँ और दादी द्वारा लेकर आया गया, केट काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया और उनको उपचार भी दिया गया हैं।

2 min read
Google source verification

बांदा

image

Anand Shukla

Sep 26, 2022

buland.png

नवेली बुंदेली कार्यक्रम के तहत बच्चियों का जन्मदिन मनाया गया

बाँदा : महिला कल्याण विभाग द्वारा नवेली बुंदेली कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे नवजात बच्चियों के परिजनों के साथ केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया तथा मंडलायुक्त द्वारा नवजात बच्चियों को उपहार दिया गया l अधिकारियो द्वारा बच्चियों को आत्मा निर्भर बनने का आशीर्वाद दिया गया तथा परिजनों को बेटियों को पढ़ाकर आत्मा निर्भर बनाने की अपील की गयी।

बाँदा के जिला अस्पताल परिसर में आज "नवेली बुंदेली" कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे मुख्य रूप से मंडलायुक्त आर पी सिंह व जिलाधिकारी अनुराग पटेल मौजूद रहे । कार्यक्रम में नवजात बच्चियों का जन्मदिन मनाया गया व उन्हें आत्मा निर्भर बनने का आशीर्वाद दिया गया।

यह भी पढ़ें : मासूम बच्ची की मौत के बाद डॉक्टर ने मां से कहा एक गई, अब दूसरी पैदा करो, वीडियो वायरल

मंडलायुक्त आर पी सिंह ने बताया की आज अस्पताल में "नवेली बुंदेली" कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी बाँदा के सौजन्य से हुआ है l इस कार्यक्रम में आज ढेर सारी नवजात बच्चियों को उनकी माँ और दादी द्वारा लेकर आया गया, केट काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया और उनको उपचार भी दिया गया हैं।

वहां पर मौजूद सभी अधिकारियो द्वारा उनको आशीर्वाद दिया गया है कि वें तेजस्वी हो और आत्मा निर्भर बने । शासन की जो योजनाए हैं जैसे जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या स्वजन योजना, इन योजनाओ का इनको लाभ मिले।

यह भी पढ़ें: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने बिहार सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि फूलपुर में होगी जमानत जब्त

बताया गया कि पिछले 9 महीने के आकड़ों के हिसाब से पूरे बाँदा जनपद में 10697 बच्चियों का जन्म हुआ हैं। इस हिसाब से एक साल में लगभग 13 हजार बच्चिया पैदा हो रही हैं। "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का नारा पूरी तरह से प्रगति की दिशा में है, पैदा हुए लड़को और लड़कियों में भेदभाव नहीं मानना चाहिए। बेटियां हमारे देश को कई रूप में अपना नेतृत्व देंगी इसलिए हमको चाहिए कि हम इनको पढ़ाकर आत्मा निर्भर बनाये ताकि बेटा - बेटी का भेदभाव समाज से ख़त्म हो सके ।