
राजगढ़ के टहला में हुए जमीन के बंदरबांट मामले में पूर्व एसडीएम को चार्जशीट दी गई है। प्रशासन के जरिए सरकार को भेजी गई और वहां से संबंधित एसडीएम को भेजी है। साथ ही 16 अन्य जिम्मेदारों को भी चार्जशीट दी गई है, जिसमें दो पूर्व तहसीलदार, भू-अभिलेख निरीक्षक व पटवारी शामिल हैं। प्रशासन ने जांच करीब तीन माह से तेज की है, उससे पहले जितने कलक्टर आए और चलते गए। किसी ने इन फाइलों के हाथ नहीं लगाया। अब सरकार भी एक्शन लेने की तैयारी में है।
वर्ष 2021 में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत टहला क्षेत्र में करीब 803 लोगों को 2500 बीघा सरकारी जमीन का आवंटन किया गया। इनमें से करीब 95 लोग ऐसे थे, जो प्रभावशाली थे और पैसे की उनके पास कमी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने रातोंरात अपनी-अपनी जमीनों की खातेदारी भी करवा ली। यानी सरकारी जमीन पर उनका हक हो गया। जैसे ही मामला एक साल बाद खुला तो उसके बाद फिर नहीं रुका। जिला प्रशासन ने जांच पर जांच बैठाई।
सरकार के भी प्रतिनिधि जांच को पहुंचे और मामला आगे बढ़ता गया। राजस्थान पत्रिका ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। आखिर में प्रशासन ने सभी 803 जमीनों के प्रस्ताव निरस्त कर दिए। उसके बाद जांच खातेदारी करवाने वाले केसों की चल रही थी, यह भी बाद में निरस्त कर दी गई, लेकिन इस मामले में कार्रवाई महज तीन लोगों पर ही उस दौरान की गई। अब सभी को आरोप पत्र दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार व प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया तो कई जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।
प्रशासन की जांच में पाया गया था कि रजिस्ट्री जल्दबाजी में की गई है। रिकॉर्ड पूरा नहीं देखा गया। किसी के प्रभाव में यह किया गया। जिनके पास जमीन पहले से थी, उनको भी दी गई। बताया जा रहा है कि नेताओं के दखल से ही यह जमीन आवंटित की गई थी। हालांकि यहां तैनात रहे एसडीएम ने अपने को सही बताया था। एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि आरोप पत्र सभी को दे दिए गए हैं। अब जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। पूर्व एसडीएम, पूर्व तहसीलदार पर कार्रवाई सरकार के स्तर से ही होगी।
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Published on:
07 Apr 2025 12:22 pm
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