
रावण व उसके परिवार के पुतलों पर भी इस बार जीएसटी की मार पड़ी है। जीएसटी के चलते निर्माण सामग्री महंगी होने से पुतलों का खर्च १० प्रतिशत बढ़ गया है..

जीएसटी के चलते १० प्रतिशत बढ़ा खर्च..

रावण, मेघनाद, कुम्भकरण,सुर्पनखा व ताड़का के पुतलों पर इस बार २ लाख ६१ हजार व आतिशबाजी पर एक लाख ६५ हजार का खर्चा आएगा।

पिछले वर्ष पुतलों पर २ लाख ४५ हजार व आतिशबाजी पर एक लाख ३१ हजार खर्च हुए थे। 30 सितंबर को देश में दशहरा मनाया जाएगा।

इस दिन भगवान राम ने रावण को युद्ध में हराकर उसका वध किया था और लंका पर विजय प्राप्त की थी इसी कारण से इस दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।

दशहरे के दिन पूरे देश में भगवान राम की पूजा की जाती है और प्रतीक के रूप में रावण का पुतला जलाया जाता हैए लेकिन देश में ऐसी कई जगह है जहां पर दशहरे के दिन राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा होती है।

फाइनल टच में दशानन रावण के चबूतरे पर मथुरा से आए कारीगर गाजा बक्स व आठ जनों की टीम १५ दिन से पुतलों के निर्माण में जुटी हुई है।

गाजा बक्स ने बताया कि १२० रुपए का एक बांस इस बार १४० में आया। अबरी यानी रंगीन पेपर ८ से १० रुपए का एक पड़ा।

दहन के समय रावण की आंखों, मुंह व नाभी से अंगारे निकलेंगे। कानों से रंगीन धुआं निकलेगा। दशानन के एक-एक कर दस मुंह जलेंगे। नगर निगम की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

दशहरे के दिन पूरे देश में भगवान राम की पूजा की जाती है और प्रतीक के रूप में रावण का पुतला जलाया जाता हैए लेकिन देश में ऐसी कई जगह है जहां पर दशहरे के दिन राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा होती है।