क्या है रिपोर्ट में?
1- रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Ebrahim Raisi), विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग को को ले जा रहे हेलीकॉप्टर उसी रास्ते पर जा रहा था जो रूट पहले से तय किया गया था। इसके सबूत मिले हैं कि हेलिकॉप्टर अपने रास्ते से नहीं भटका था। 2- रिपोर्ट में कहा गया है कि पहाड़ी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई थी। इसके मलबे की जब जांच की गई तो कहीं पर भी किसी गोली का निशान या कोई छेद नहीं मिला, जिससे ये कहा जाए कि इस हेलिकॉप्टर को किसी ने गोली या बम से निशाना बनाया।
3- रिपोर्ट के मुताबिक जिस जगह पर ये हादसा हुआ था उसका पता सोमवार 20 मई को सुबह 05:00 बजे (स्थानीय समय) ईरानी मानव रहित हवाई वाहनों ने लगाया था। उनकी सूचना देने के कुछ समय बाद ही रेस्क्यू और सर्चिंग टीम वहां पहुंच गई थी।
4- रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दुर्घटना से पहले हेलिकॉप्टर और ग्राउंड कंट्रोल के बीच हुए संचार में कोई संदिग्ध सामग्री नहीं मिली। जिससे ये कहा जा सके कि किसी ने उन्हें गलत सूचना दी हो।
ईरानी सेना की इस जांच रिपोर्ट में कहा गया कि इसके बाद जो भी जांच में निकल कर सामने आएगा, ईरान को ठीक समय़ पर सारी जानकारी दे दी जाएगी।
इब्राहिम रायसी को किया गया सुपुर्द-ए-खाक
ईरान के दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को बीते गुरुवार को उनके गृहनगर मशहद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। यहीं पर 8वें शिया इमाम, इमाम रज़ा की पवित्र दरगाह भी स्थित है।
30 लाख लोग और 68 देशों के प्रतिनिधि अंतिम संस्कार में शामिल
रायसी का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह मशहद पहुंचा, यहां उनके अंतिम संस्कार में लगभग 30 लाख लोगों की भीड़ उमड़ी। ये जुलूस इमाम रज़ा की पवित्र दरगाह तक पहुंची, यहीं पर राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को दफनाया गया। इब्राहिम रायसी के इस अंतिम संस्कार में 68 देशों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लिया जिसमें इराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और तुर्किये के राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल रहे।
ईरान की सियासत में अहम रहे रायसी
बता दें कि 63 साल के इब्राहिम रायसी, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के आठवें राष्ट्रपति थे। उन्हें अगस्त 2021 में चुना गया था। इससे पहले वो ईरान की न्यायपालिका के प्रभारी थे और एक्सपेडिएंसी काउंसिल के सदस्य और विशेषज्ञों की सभा के उपाध्यक्ष थे। इसके अलावा वो अस्तान क़ुद्स रज़ावी के संरक्षक भी थे।