CG News: श्वान योद्धा रोलो के हैंडलर सीआरपीएफ 228 बीएन के कांस्टेबल शुभम गजानन कहते हैं, “श्वानों को हमारे पास तब लाया जाता है जब वे मात्र 21 दिन के होते हैं। उनकी देखभाल करना और उन्हें प्रशिक्षित करना हैंडलर की जिम्मेदारी होती है। कुत्ते और उसके हैंडलर के बीच भावनात्मक रिश्ता और जुड़ाव होता है।
प्रशिक्षण के बाद रोलो को टीम में दूसरे सर्वश्रेष्ठ श्वान का पुरस्कार भी मिला। 228 बीएन द्वारा किए गए कई ऑपरेशनों में रोलो ने अहम भूमिका निभाई। उसने बड़े ऑपरेशनों के दौरान आईईडी से जवानों को बचाने और सर्चिंग में अहम भूमिका निभाई। 22-25 अप्रैल के बीच रोलो ने कठिन परिस्थितियों में पूरी सतर्कता के साथ अपनी ड्यूटी निभाई।
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CG News: रोलो पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला किया, जब वह ऐसे क्षेत्र में गई, जहां जवान नहीं जा सकते थे। उसे मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। हमने रोलो को कुत्ता नहीं बल्कि सैनिक समझा। उसने बहुत अच्छा काम किया और जवानों को बचाया। जब कोई श्वान योद्धा मरता है, तो ऐसा लगता है जैसे कोई सैनिक मर गया हो।”
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 228 बटालियन की 2 वर्षीय K9 रोलो को 27 अप्रैल 2025 को मृत घोषित कर दिया गया, जिसकी मौत का कारण 200 मधुमक्खियों के डंक के बाद एनाफिलेक्टिक शॉक बताया गया। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा हिल्स में एक विशेष ऑपरेशन के दौरान ड्यूटी से लौटते समय रोलो और उसके हैंडलर पर मधुमक्खियों के झुंड ने हमला कर दिया था।