जब बाजपेयी जी इक्के से पहुंचे थे सभा स्थल-
1957 में भारतीय जनसंघ के तत्कालीन मंत्री रहे स्व.सभाबहादुर ¨सह की पत्नी¨ जदगी का शतक पूरा कर चुकीं वयोवृद्ध जनक दुलारी देवी बताती हैं कि आम चुनाव का समय था। जब नगर के रामलीला मैदान में उनकी चुनावी सभा हुई थी, उस वक्त मोटरकार शहर में गिने चुने लोगों के ही पास थी। वे ट्रेन से सुलतानपुर स्टेशन पर उतरे थे। पार्टी कार्यकर्ता मदनमोहन ¨सह व गोकुल प्रसाद पाठक आदि उन्हें स्टेशन से दरियापुर स्थित मेरे आवास लेकर आए। यहीं पर अटल जी ने खुद अपने हाथों से कुएं से पानी निकाला और पिया था। बैठक में बिछी दरी पर सहयोगियों के साथ बैठकर शाकाहारी साधारण भोजन किया था। जनसभा का समय हो गया तो वे इक्का (तांगा) से करीब 7 सौ मीटर दूर स्थित जनसभा स्थल रामलीला मैदान पहुंचे थे।
उनका भाषण सुनने हजारों लोग पहुंचे थे- उस वक्त उनके भाषण को सुनने हजारों की तादाद में लोग जमा हुए थे। कोई भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव ऐसा न रहा होगा जब वे न पहुंचे हों। आखिरी बार उन्होंने लोकसभा चुनाव में सन् 1998 में पार्टी प्रत्याशी डीवी राय के समर्थन में खुर्शीद क्लब मैदान में ऐतिहासिक भाषण दिया था। उस सभा में रिकार्ड भीड़ उमड़ी थी। भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ.एमपी सिंह बताते हैं कि सुल्तानपुर में उन्होंने अपना अंतिम भाषण करीब पचास मिनट लंबा था। कुर्सी पर बैठ उन्होंने अपना भाषण दिया था। जातिवाद पर अनूठे व चुटीले अंदाज में टिप्पणियां की थीं। जिसका असर यह हुआ कि विपक्षी दलों के सारे तीर व्यर्थ हो गए और डीवी राय भारी बहुमत से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे।