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मोटी कमाई करना चाहते हैं तो करिये कड़कनाथ मुर्गा पालन, डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है इस मुर्गे का मीट

Kadaknath Murga Farming- मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गा की प्रजाति को अब सुलतानपुर जिले में भी विकसित किया जाएगा। पीएम के मन की बात से प्रेरित होकर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अतुल वत्स ने कड़कनाथ मुर्गा प्रजाति की हैचरी स्थापित करवाने का निर्णय लिया है।

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सुलतानपुर. Kadaknath Murga Farming- अगर आप भी अपने बिजनेस से हर महीने तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज हम आपको कड़कनाथ मुर्गा के बिजनेस के बारे में बता रहे हैं। यह काला मुर्गा दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। इसका सबसे ज्‍यादा कारोबार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और सूबे के सोनभद्र जिले में किया जाता है। आदिवासी इलाके में इसे कालीमासी कहा जाता है। इसका मांस सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। औषधीय गुणों के चलते कड़कनाथ मुर्गे की बहुत मांग रहती है। मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गा की प्रजाति को अब सुलतानपुर जिले में भी विकसित किया जाएगा।

पीएम के मन की बात से प्रेरित होकर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अतुल वत्स ने कड़कनाथ मुर्गा प्रजाति की हैचरी स्थापित करवाने का निर्णय लिया है। सीडीओ ने मेरठ वेटरनिरी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों से हैचरी की तकनीकी के बारे में सहयोग लेते हुए अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद जिले के भदैंया विकास खंड के सकरसी ग्राम पंचायत में कड़कनाथ मुर्गा के हैचरी की स्थापना का कार्य शुरू करवा दिया गया है।

ऐसे कमाएंगे मुनाफा
योजना के मुताबिक, कड़कनाथ मुर्गा प्रजाति का अंडा गैर जनपद या फिर गैर प्रांत से लाया जाएगा। उसे हैचरी में रखकर चूजा तैयार किया जाएगा। 21 दिन में चूजा तैयार होने के बाद उसे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सस्ती दरों पर दिया जाएगा। महिलाएं चूजे को विकसित करके मुर्गी से अंडा तैयार करेगी व मुर्गें को बाजार में बेच करके मुनाफा कमाएंगी।

छह से सात सौ रुपये में बिकेगा एक मुर्गा
कड़कनाथ मुर्गा प्रजाति का अंडा बाहर से 20 से 25 रुपये में लाया जाएगा। अंडे को मशीन से चूजा के रूप मे विकसित करके उसे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को करीब 50 रुपये में दिया जाएगा। महिलाएं चूजे को विकसित करके मुर्गी से अंडा तैयार कर सकेंगी और मुर्गा को बाजार में बेच सकेंगी। अधिकारियों के मुताबिक, बाजार में कड़कनाथ मुर्गा की कीमत करीब छह से सात सौ रुपये है। कम समय में अधिक फायदा मिलने से समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। कड़कनाथ मुर्गा फैट फ्री होता है। यह अन्य प्रजातियों से ज्यादा फायदेमंद है। इस प्रजाति को विकसित करने से महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसे देखते हुए जिले में दो हैचरी यूनिट की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

डायबिटिक रोगों के लिए फायदेमंद
कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी का रंग काला, मांस काला और खून भी काला होता है। अपने औषधीय गुण के कारण यह बहुत डिमांड में है। इस मुर्गे के मांस में आयरन और प्रोटीन सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसके मांस में वसा और कोलेस्ट्रॉल भी कम पाया जाता है। इसके चलते ह्रदय और मधुमेह के रोगियों के लिए यह चिकन बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसके रेगुलर सेवन से शरीर को काफी पोषक तत्व मिलते हैं। इसकी मांग और फायदों को देखते हुए सरकार भी इसका बिजनेस शुरू करने में हर स्‍तर पर मदद करती हैं।

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