
GOOD NEWS : अब सिर्फ एक क्लिक पर मिलेगी खेत-खलिहान और खतौनी का जानकारी
सुलतानपुर. किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब खेत-खलिहान, जलाशय या फिर खतौनी के नक्शों की नकल लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें नहीं लगानी पड़ेंगी। साथ ही इन दस्तावेजों का रिकॉर्ड नष्ट होने या फिर फटने का भय नहीं रहेगा। बीते दिनों राजस्व परिषद ने इसके लिए शासनादेश जारी किया था। इसके बाद राजस्व विभाग सुलतानपुर ने 885 नक्शों को फाइनल टच दे दिया है, जिसकी जानकारी आवेदकों के मोबाइल या कप्यूटर पर एक क्लिक में उपलब्ध हो जाएगी।
अभिलेखागार प्रभारी अधिकारी विष्णु कुमार शुक्ल ने बताया कि राजस्व विभाग दो तरह के नक्शों का निर्माण करते हैं। पहला पुष्टीकृत नक्शा और दूसरा फाइनल नक्शा। पुष्टिकृत नक्शा वह होता है जो चकबंदी विभाग की तरफ से स्वीकृति लेते हुए किसी जमीन की वास्तविक स्थिति का अभिलेखन करता है। फाइनल मैप वह होता है, जो मौके की स्थिति को स्पष्ट करता है। फाइनल मैप के अनुसार ही सीमांकन होते हैं। गाटों का निर्धारण होता है और जमीनों का बंटवारा किया जाता है। सिविल कोर्ट हो या राजस्व विभाग के न्यायालय हर जगह इन फाइनल मैप के आधार पर ही मुकदमों की कार्यवाही की जाती है। वादकारियों और प्रतिभागियों को न्याय दिया जाता है।
डिजिटालइजेशन करने का शासनादेश पूर्व में जारी हुआ था। अभिलेखागार के प्रभारी अधिकारी विष्णु कुमार शुक्ल ने बताया कि नक्शों को डिजिटलाइज्ड करने की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। 885 नक्शों को फाइनल टच दे दिया गया है, जिन्हें राजस्व बोर्ड भेजा जा रहा है।
राजस्व परिषद अपनाएगा फाइनल प्रक्रिया
विष्णु कुमार शुक्ल ने बताया कि लिंक के जरिए आसानी से लैपटॉप और अन्य कम्प्यूटरों पर नक्शों को खोला जा सकेगा। आवेदक और फरियादी आसानी से इसका लाभ उठा सकेंगे। इसका मकसद है कि वास्तविक स्थिति का सटीक निर्धारण करते हुए विवादों को कम करना। इन्हें राजस्व बोर्ड लखनऊ भेजा जा रहा है। जहां से डिजिटलाइजेशन की फाइनल प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
वीडियो में देखें- क्या बोले- अभिलेखागार अधिकारी विष्णु कुमार शुक्ला
Published on:
13 Dec 2018 07:59 pm
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