
सुलतानपुर. संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर पिछले काफी दिनों से चल रहे करणी सेना के विरोध प्रदर्शन, तोड़फोड़ तथा हिंसक प्रदर्शन के बाद मामला फिल्म रिलीज को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। शीर्ष अदालत ने फिल्म को प्रदर्शित करने का हुक्म दिया। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद संजयलीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को पद्मावत नाम से देश भर के सिनेमा घरों में प्रदर्शित करने के लिए 25 जनवरी की तिथि मुकर्रर हुई है। बताते हैं कि सेंसर बोर्ड के अधिकारियों एवं शीर्ष अदालत के निर्देशों के बाद फिल्म में पांच कट किए गए हैं। फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली ने भी अपनी इस फिल्म को मलिक मुहम्म्द जायसी द्वारा रचित काव्य पद्मावत पर आधारित बताया है। उन्होंने यह भी कहा था कि फिल्म पद्मावत किसी घटना पर आधारित नहीं है। यह विशुद्ध रूप से मनोरंजन के लिए ही बनी है किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं।
संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका
अब जबकि फिल्म प्रदर्शन की तिथि करीब है तो ऐसे में जिले के एकमात्र सिनेमाहाल में फिल्म के सम्भावित प्रदर्शन को लेकर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने नारेबाजी करते हुए फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली का जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर पुतला फूंका।
क्षत्रिय महासभा की चेतावनी, सिनेमाघर में फिल्म प्रदर्शित हुई तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
क्षत्रिय महासभा के छात्रों ने फिल्म प्रदर्शन किए जाने पर आपत्ति जताई है और फिल्म प्रदर्शित किए जाने पर सिनेमा हाल के मालिकानों को गम्भीर परिणाम भुगतने की बात कही है। आश्चर्यजनक तो यह है कि जब क्षत्रिय महासभा के इन छात्रों का सड़क पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन हो रहा था तो प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी। सड़क पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के आगे पीछे कहीं पुलिस दिखायी नहीं पड़ रही थी।
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Updated on:
23 Jan 2018 01:34 pm
Published on:
22 Jan 2018 06:31 pm
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