scriptबिजली विभाग में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला! खुलासे के लिए पांच टीमें गठित | meter ghotala in uttar pradesh madhyanchal bijli vibhag | Patrika News
सुल्तानपुर

बिजली विभाग में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला! खुलासे के लिए पांच टीमें गठित

उत्तर प्रदेश मध्यांचल विद्युत वितरण खंड के 5 जोन में अरबों का घोटाला

सुल्तानपुरFeb 18, 2019 / 09:33 pm

Hariom Dwivedi

meter ghotala in uttar pradesh

बिजली विभाग में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला! खुलासे के लिए गठित की गई जांच टीम गठित

राम सुमिरन मिश्र

सुलतानपुर. कॉमर्शियल कनेक्शन और टावरों में लगने वाले मीटर बदलने के नाम पर बिजली विभाग का बड़ा घोटाला सामने आया है। मध्यांचल विद्युत वितरण खंड के 5 जोन में हुए कई अरब के घोटाले के खुलासे के लिए जांच टीम भी गठित कर दी गई है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक (वाणिज्य) एम के श्रीवास्तव ने प्रदेश के चारों निगमों के निदेशकों को पत्र लिखकर ऐसे मीटरों की जांच करने को कहा है, जिनमें उपभोक्ता द्वारा विभाग से मिलीभगत करके मीटर को खराब दिखाकर मीटर बदलवाने के प्रयास किये गये हैं। मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती, लखनऊ क्षेत्र, बरेली क्षेत्र, देवी पाटन क्षेत्र और अयोध्या क्षेत्र के मुख्य अभियंताओं को जांच के निर्देश दिये हैं। साथ ही अकारण मीटर न बदलने के भी निर्देश दिये हैं। सूत्रों की मानें तो जिन कॉमर्शियल उपभोक्ताओं पर लाखों रुपयों का बिजली का बिल बकाया होता है, वह विभाग के भ्रष्ट अफसरों से मिलकर मीटर बदलवाने का खेल करते हैं।
बरेली जोन के विभिन्न खंडों में 2498 संदिग्ध मीटर पाये गये हैं जो अकारण बदले गये। इनमें से 19 मीटर ऐसे हैं जो तीन महीने के भीतर दो बार बदले गये। अयोध्या जोन में ऐसे मीटरों की संख्या 888 है, जिनमें 18 ऐसे हैं जो तीन माह के भीतर दो बार बदले गये। देवी पाटन जोन में 351 संदिग्ध मीटर मिले हैं। लेसा में 3339 मीटर संदिग्ध पाये गये हैं। यहां 60 मीटर ऐसे हैं जो तीन माह के भीतर दो बार बदल दिये गये हैं। लखनऊ क्षेत्र में 1475 मीटरों की जांच के लिए कहा गया है, जिनमें 17 तीन माह के भीतर दो बार बदले गये हैं। सुलतानपुर में 164 मीटर हेरफेर कर बदल दिए गए। कुल मिलाकर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में 8551 संदिग्ध मीटरों की जांच के लिए आलाधिकारियों ने संबंधित मुख्य अभियंताओं को पत्र भेजकर जांच के लिए कहा है।
ऐसे हुआ अरबों का घोटाला
कॉमर्शियल कनेक्शन का हर महीने का रिकॉर्ड विभाग को रीड करना होता है, जहां अधिकारी और कर्मचारी फीडिंग पर बाकायदा बिल देते हैं, लेकिन खेल में शामिल घोटालेबाज मीटर को दो चार महीना चलाने के बाद उसको जला या फुंका बता उसे बदल देते हैं। इसके बाद उसमें फीड डाटा को चोरी कर लिया जाता है और फिर इस बिल को अधिकारी सेटिंग कर उपभोक्ता से रकम तय कर सौदा कर लेते हैं। इससे उपभोक्ता को फायदा होता है और अधिकारियों की भी मौज हो जाती है। इस तरीके से जिले में खेल कर बिजली विभाग के करोड़ों रुपये डकार लिये गये।
दोषियों पर कार्रवाई के आदेश
मामला उजागर होने के बाद शासन स्तर से मामले की मॉनिटरिंग तेज कर दी गई है। खुद वाणिज्य निदेशक ने सभी जिलों के अधीक्षण अभियंताओं को टीम गठित कर मीटर घोटाले को उजागर कर दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं। आशंका है हर मीटर पर करीब एक लाख रुपए से ज्यादा का खेल हुआ है। खुलासा हुआ हो तो पांचों जोन में अरबों रुपये का घोटाला सामने आएगा, जो बिजली विभाग में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला हो सकता है।
अधीक्षण अभियंता बोले
अयोध्या मण्डल के अधीक्षण अभियंता असलम हुसैन ने कहा कि मीटर घोटाले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है। जांच रिपोर्ट के बाद तुरंत ही घोटालेबाजों पर एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।
देखें वीडियो…

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो