सुल्तानपुर

मी-टू में फंसे पूर्व कोतवाल के खिलाफ दर्ज मुकदमें की लटकी तफ्तीश, कोर्ट में दर्ज हुआ पीड़िता का बयान, फिर चर्चा में आया मामला

पूर्व विवेचक पर गिर चुकी है गाज, अब सीओ नगर कर रहे विवेचना

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मी-टू में फंसे पूर्व कोतवाल के खिलाफ दर्ज मुकदमें की लटकी तफ्तीश, कोर्ट में दर्ज हुआ पीड़िता का बयान, फिर चर्चा में आया मामला

सुलतानपुर. मी-टू में फंसे पूर्व कोतवाल नंद कुमार तिवारी के खिलाफ दर्ज मुकदमें की तफ्तीश अब क्षेत्राधिकारी नगर को मिल गई है। मामले में पीड़िता का बयान भी कोर्ट में दर्ज हो गया और तफ्तीश भी अंजाम के करीब पहुंच चुकी है। मामले में पूर्व विवेचक पर लापरवाही के चलते गाज भी गिरी। इन कार्रवाइयों के चलते मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।

जानिए क्या है पूरा मामला

मामला कोतवाली नगर में तैनात रह चुके पूर्व कोतवाल नंद कुमार तिवारी से जुड़ा है। जिनके खिलाफ दुष्कर्म पीड़िता ने गंभीर आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक पीड़िता ने अपने साथ हुए दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा कुड़वार थाने में दर्ज कराया था। उस दौरान नंद कुमार तिवारी कुड़वार में तैनात रहे। जिन्होंने पीड़िता को आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए अपनी पहचान बना ली। अपनी तैनाती कुड़वार में रहने तक नंदकुमार आरोपी के खिलाफ कार्रवाई से परहेज करते रहे हैं। इसके साथ ही उनका ट्रांसफर कुड़वार थाने से हटाकर नगर कोतवाली में कर दिया गया, फिर भी उनका मोह पीड़िता से भंग नहीं हुआ और वह उसे आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करा देने का झूठा आश्वासन देकर संपर्क में बने रहे। इसी संपर्क का नाजायज फायदा उठाकर नंद कुमार ने पीड़िता की मोबाइल पर अश्लील मैसेज भी पोस्ट किए।

मामले में कोतवाल पाया गया था दोषी

मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो नंद कुमार तिवारी को बीते दो नवम्बर को निलंबित कर दिया गया और प्रकरण की जांच एसपी सिटी मीनाक्षी कात्यायन को सौंप दी गई। एसपी सिटी की प्रारंभिक जांच में पूर्व कोतवाल को दोषी पाया गया और 29 नवम्बर को इस संबंध में उन्होंने अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी। जिसके बाद पूर्व कोतवाल के खिलाफ भादवि की धारा 354 घ में मुकदमा दर्ज किया गया। प्रकरण की जांच उप निरीक्षक सतीश सिंह को सौंपी गई। कई महीनों तक तफ्तीश ठंडे बस्ते में रही, मामला विभागीय वह भी अपने से उच्च पद के अधिकारी से जुड़ा होने के चलते दारोगा सतीश सिंह ने कोई कार्रवाई ही करना मुनासिब नहीं समझा और वह तफ्तीश लटकाकर पूर्व कोतवाल को संरक्षण देते रहे।

वहीं पीड़िता के अधिवक्ता शिवेंद्र राय प्रताप सिंह ने पूर्व कोतवाल के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच उससे नीचे पद के पुलिस अधिकारी को सौंपे जाने पर सवाल उठाते हुए पूर्व कोतवाल से उच्च पद के अधिकारी के सुपुर्द किया जाना उचित बताया। पीड़िता ने इस सम्बंध में एसपी को प्रार्थना पत्र देकर विवेचना हटाने की मांग भी की थी।

ठंडे बस्ते में पड़ा प्रकरण

हाई-प्रोफाइल मैटर की तफ्तीश में लापरवाही बरतने पर एसपी ने संज्ञान लेते हुए उप निरीक्षक सतीश सिंह पर कार्रवाई भी की। जिसके बाद प्रकरण की तफ्तीश सीओ नगर श्यामदेव विंद के सुपुर्द कर दी गई। जिन्होंने बीते 20 अगस्त को सीजेएम कोर्ट में पीड़िता का 164 दप्रस के अंतर्गत बयान दर्ज कराया। सीओ नगर से प्रकरण के संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की विवेचना उनके जरिए की जा रही है, जो कि लगभग पूरी हो चुकी है, जल्द ही विवेचना रिपोर्ट दाखिल कर दी जाएगी। मामले में हुई इन कार्यवाहियों के चलते कई महीनों से ठंडे बस्ते में पड़ा यह प्रकरण एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस मामले में पूर्व कोतवाल नन्द कुमार तिवारी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।

Published on:
30 Aug 2019 01:59 pm
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