8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मानहानि केस में बढ़ी हलचल, राहुल गांधी मामले में गवाहों से जिरह, अदालत में निर्णायक मोड़

Rahul Gandhi Defamation Case: सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में सांसद राहुल गांधी से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई तेज हो गई है। सोमवार को गवाह से जिरह की गई, जबकि शेष बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट ने अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है। मामला वर्ष 2018 से लंबित है।

3 min read
Google source verification
मानहानि मामले में राहुल गांधी से जुड़े प्रकरण की सुनवाई तेज, गवाह से हुई जिरह, आज फिर पेश होंगे साक्ष्य (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

मानहानि मामले में राहुल गांधी से जुड़े प्रकरण की सुनवाई तेज, गवाह से हुई जिरह, आज फिर पेश होंगे साक्ष्य (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

Rahul Gandhi Defamation Case MP MLA Court: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जुड़े बहुचर्चित मानहानि मामले की सुनवाई सोमवार को सुल्तानपुर स्थित एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई। इस दौरान राहुल गांधी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता काशी प्रसाद शुक्ला ने वादी पक्ष के गवाह रामचंद्र दुबे से गहन जिरह की। न्यायालय ने शेष बयान दर्ज करने के लिए अगली सुनवाई मंगलवार को निर्धारित की है। यह मामला वर्ष 2018 का है और करीब छह वर्षों से न्यायिक प्रक्रिया के विभिन्न चरणों से गुजर रहा है।

यह प्रकरण उस समय चर्चा में आया था, जब वर्ष 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इस मामले में सुल्तानपुर के हनुमानगंज निवासी भाजपा नेता विजय मिश्रा ने राहुल गांधी के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। वादी का आरोप है कि राहुल गांधी ने भाषण के दौरान तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति कथित तौर पर आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची।

मामले की शुरुआत 2018 में हुई थी, लेकिन अदालती प्रक्रिया में विभिन्न कारणों से लगातार देरी होती रही। कोरोना काल, अधिवक्ताओं की हड़ताल, गवाहों की अनुपस्थिति और तकनीकी कारणों से सुनवाई कई बार टलती रही। लंबे समय तक राहुल गांधी के न्यायालय में पेश न होने के कारण दिसंबर 2023 में तत्कालीन न्यायाधीश ने उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था, जिसने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया था।

इसके बाद फरवरी 2024 में राहुल गांधी स्वयं सुल्तानपुर की अदालत में उपस्थित हुए और न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उस समय विशेष मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो मुचलकों पर जमानत प्रदान की गई थी। यह जमानत प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हुई थी, हालांकि उस दिन अदालत परिसर में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे।

26 जुलाई 2024 को राहुल गांधी ने एमपी-एमएलए कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया था। अपने बयान में उन्होंने स्वयं को निर्दोष बताया था और इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश का हिस्सा करार दिया था। उन्होंने अदालत के समक्ष कहा था कि उनके भाषण को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया और उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया। राहुल गांधी के बयान के बाद न्यायालय ने वादी पक्ष को अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसके बाद से गवाहों की पेशी का सिलसिला शुरू हुआ।

सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के गवाह रामचंद्र दुबे अदालत में उपस्थित हुए, जिनसे राहुल गांधी की ओर से काशी प्रसाद शुक्ला ने विस्तृत जिरह की। जिरह के दौरान घटनाक्रम, भाषण की रिकॉर्डिंग, उसकी प्रमाणिकता और गवाही के अन्य पहलुओं पर सवाल पूछे गए। सूत्रों के अनुसार, जिरह पूरी तरह से कानून के दायरे में रही और अदालत ने सभी पक्षों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया।

अब तक इस मामले में केवल एक गवाह से जिरह पूरी हो सकी है, जबकि दूसरे गवाह की जिरह की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अदालत सूत्रों के मुताबिक, कार्यवाही में देरी का मुख्य कारण अधिवक्ताओं की हड़ताल और कई बार गवाहों का अदालत में अनुपस्थित रहना रहा है। इससे मामले के निपटारे में अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है, हालांकि कोर्ट इस मामले को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

इस प्रकरण को राजनीतिक और कानूनी दोनों दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है। एक ओर जहां इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मानहानि कानून के तहत जिम्मेदारी तय किए जाने का प्रश्न भी उठता रहा है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुकदमे का निर्णय भविष्य में सार्वजनिक मंचों पर दिए जाने वाले राजनीतिक बयानों को लेकर एक महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है।

उधर, कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों के नेताओं की इस मामले पर नजर बनी हुई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह मामला राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है, जबकि भाजपा समर्थकों का दावा है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाना चाहिए।

फिलहाल अदालत ने अगली सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख तय की है, जिसमें शेष गवाहों के बयान और जिरह की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि अदालत इस बहुचर्चित मानहानि प्रकरण में आगे क्या रुख अपनाती है और कब तक इस मामले का अंतिम निपटारा हो पाता है।

कुल मिलाकर, राहुल गांधी मानहानि मामला अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। वर्षों से लंबित इस केस में जैसे-जैसे सुनवाई आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव भी और अधिक स्पष्ट होते जा रहे हैं। क्षेत्रीय अदालत से निकलकर यह मामला देशव्यापी चर्चा का विषय बन चुका है और आने वाले समय में इसके फैसले का व्यापक असर देखने को मिल सकता है।


बड़ी खबरें

View All

सुल्तानपुर

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग