
दो शिक्षक हिरासत में, दर्जनों अन्य रडार पर, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप फोटो सोर्स : Social Media
Tax Scam in Schools: शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी कार्रवाई में इनकम टैक्स विभाग की टीम ने सुल्तानपुर जिले के दो शिक्षकों को हिरासत में लिया है। इन पर आयकर विवरण (ITR) में झूठी जानकारी देने और टैक्स चोरी के जरिए अवैध रूप से बड़ी रकम निकालने का गंभीर आरोप है। इस कार्रवाई के बाद जिलेभर के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है और इनकम टैक्स विभाग की नजर अब कई अन्य शिक्षकों पर भी है, जिन्हें जांच के दायरे में लाया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इनकम टैक्स विभाग ने जयसिंहपुर क्षेत्र के सताही प्राथमिक विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य राम जनम यादव और कूरेभार ब्लॉक के बरौला प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत सहायक अध्यापिका बिमलेश कुमारी को बुधवार की सुबह उनके घर से उठाकर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
सूत्रों के मुताबिक दोनों शिक्षकों पर आयकर रिटर्न दाखिल करते समय फर्जी खर्च, झूठे निवेश और अवास्तविक ऋण संबंधी जानकारी देकर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने का आरोप है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन दोनों शिक्षकों ने बीते 4–5 वर्षों में लगातार गलत जानकारियां देकर रिफंड की राशि बढ़ाई और फर्जीवाड़े के जरिये मोटी रकम अपने खातों में डलवाई।
इनकम टैक्स विभाग को हाल ही में AI आधारित सिस्टम के जरिए अलर्ट मिला था कि कुछ सरकारी कर्मचारियों द्वारा नियमित तौर पर ITR में संदेहास्पद दावा किया जा रहा है। जब इन मामलों की गहराई से पड़ताल की गई, तो कई नाम सामने आए, जिनमें सुल्तानपुर जिले के सरकारी शिक्षक भी शामिल थे। विशेष निगरानी के तहत इन शिक्षकों के बैंक लेन-देन, निवेश, संपत्ति और टैक्स विवरण की गहन जांच की गई। राम जनम यादव और बिमलेश कुमारी के खातों में असामान्य लेन-देन और बेहिसाब राशि के रिकॉर्ड पाए गए, जो उनके वेतन और वित्तीय स्थिति से मेल नहीं खाते थे। इसके बाद विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छापा मारा और दोनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने दोनों शिक्षकों के घर और विद्यालय में मौजूद दस्तावेजों की छानबीन की। बताया जा रहा है कि इस दौरान फर्जी निवेश प्रमाणपत्र, बनावटी मेडिकल बिल, तथा कुछ प्रॉपर्टी डील से संबंधित रसीदें भी बरामद हुई हैं, जो जांच को और मजबूत करती हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह टैक्स चोरी सुनियोजित तरीके से की गई थी, और इसमें संभवतः एक संगठित गिरोह की भूमिका भी हो सकती है जो ऐसे सरकारी कर्मचारियों को टैक्स में छूट दिलाने के नाम पर ‘फॉर्मेटेड ITR’ भरवाता है और बदले में कमीशन लेता है।
राम जनम और बिमलेश की गिरफ्तारी के बाद इनकम टैक्स विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है। जांच टीम ने दोनों शिक्षकों से मिले सुरागों और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर एक सूची तैयार की है, जिसमें जिले भर के 18 अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार इन सभी लोगों ने पिछले तीन वर्षों में एक ही वित्तीय सलाहकार या एजेंसी से ITR भरवाया है, और इन सभी के टैक्स रिटर्न में लगभग एक जैसे पैटर्न में फर्जी निवेश या खर्च दर्शाया गया है। इससे विभाग को शक हुआ कि यह कोई रैकेट हो सकता है, जो शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मियों को गलत तरीके से टैक्स रिटर्न भरने में मदद करता है।
इस कार्रवाई के बाद सुल्तानपुर के बीएसए कार्यालय से लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों तक हर स्तर पर हड़कंप मच गया है। कई अधिकारी और शिक्षक अब अपने टैक्स रिकॉर्ड की समीक्षा करने में जुट गए हैं। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “हमें खुद हैरानी है कि शिक्षक इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल हो सकते हैं। यदि जांच में दोष सिद्ध होता है तो विभागीय कार्यवाही तय है।”
जैसे ही यह खबर फैलती गई, जिला प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे। विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “अगर शिक्षक टैक्स चोरी में लिप्त हैं, तो यह सरकार की प्रशासनिक विफलता है।” जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “एक तरफ सरकार ईमानदारी की बात करती है, दूसरी ओर उसके अपने कर्मचारी कर चोरी कर रहे हैं।” वहीं बीजेपी के जिला प्रवक्ता ने कहा, “सरकार ईमानदारी के रास्ते पर है, इसलिए अब ऐसे भ्रष्ट तत्वों पर कड़ी कार्यवाही हो रही है। शिक्षक भी सरकारी कर्मचारी हैं, उनके लिए भी कानून बराबर है।”
इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी फिलहाल दोनों शिक्षकों से पूछताछ कर रहे हैं। यदि इनसे प्राप्त जानकारी में दम पाया गया, तो अन्य संदिग्धों को भी तलब किया जाएगा। वहीं, विभाग ने जिला प्रशासन को इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए विभागीय सहायता की भी मांग की है। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग में बल्कि आम जनता के बीच भी यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यदि शिक्षक, जिन्हें समाज का मार्गदर्शक माना जाता है, इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, तो बाकी व्यवस्था का क्या भरोसा?
Updated on:
15 Jul 2025 08:48 am
Published on:
15 Jul 2025 08:47 am
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