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यहां के ‘गरीब’ अपने Family की पेट की आग बुझाने वाले ‘राशन कार्ड’ रख रहे गिरवी

जिले में विषम परिस्थितियों में कर्ज लेने का जरिया बन गए हैं गरीबों के राशन कार्ड, कई हितग्राही ऐसे भी जो सरकारी राशन का उठाव कर उसे बाजार भाव में दुकानदारों व अन्य परिवारों को बेचकर कमा रहे लाभ

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Pranayraj rana

Jan 18, 2017

Ration card

Ration card

सूरजपुर.
जिले में मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत बनाए गए राशन कार्ड केवल राशन प्राप्त करने और उससे पेट भरने का जरिया मात्र नहीं रह गए हैं, बल्कि कई लोगों के लिए ये कार्ड सोना-चांदी और जमीन की तरह गिरवी रखकर विषम परिस्थितियों में कर्ज लेने के भी काम आ रहे हैं। कुछ ऐसे ही कई मामले जिला मुख्यालय में सामने आए हैं जिसकी जांच खाद्य विभाग द्वारा कराई जा रही है।


गौरतलब है कि जिले में शहरी क्षेत्र के लिए 7,987 तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 लाख 86 हजार 103 कार्ड यानी 1 लाख 94 हजार 90 परिवार को गुलाबी, नीला, खास गुलाबी समेत अन्य स्तर व रंग के राशन कार्ड जारी किए गए हैं। अधिकांश राशन कार्डों से तो हितग्राहियों द्वारा घर चलाने के लिए खाद्यान्न का उठाव किया जाता है।


लेकिन एक हजार से भी अधिक हितग्राही ऐसी है, जिन्होंने अपने राशन कार्ड जरूरत के आधार पर किसी न किसी के पास गिरवी रख दिए हैं। साथ ही इनसे भी अधिक हितग्राही ऐसे हैं जो राशन कार्ड से खाद्यान्न का उठाव कर उसे बाजार भाव में दुकानदारों व अन्य परिवारों को बेचकर लाभ कमा रहे हैं।


रुपयों की जरूरत पर गिरवी रखे जाते हैं कार्ड

राशन कार्ड गिरवी रखने की प्रथा सूरजपुर जिला मुख्यालय समेत जिले के कई ग्रामों में प्रचलित है। शादी- विवाह, बीमारी, दुर्घटना अथवा अन्य आपातकालीन स्थिति में जब गरीबों को कोई रास्ता रकम की पूर्ति के लिए नजर नहीं आता तो वे पड़ोसी अथवा किसी राशन माफिया के पास अपना राशन कार्ड गिरवी रख देते हैं। फिर वह तब तक उस कार्ड से खाद्यान्न का उठाव करता है जब तक उधार ली गई रकम चुकता नहीं कर देता। इस बीच बेचारा हितग्राही बाजार भाव से राशन क्रय कर किसी तरह स्वयं व परिवार का पेट पालता है।


नशाखोरी भी बड़ा कारण

जिला मुख्यालय के विभिन्न वार्डों में संचालित उचित मूल्य दुकानों और वार्ड पार्षदों से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि नशे के आदी परिवारों को जब शराब पीने के लिए पैसे नहीं मिलते तो वे अपना कार्ड अपने दोस्तों या दुकानदारों के पास गिरवी रख देते हंै। अक्सर यह देखा गया है कि शराबी तो उस गिरवी रखे कार्ड को छुड़ा ही नहीं पाता है। ऐसी स्थिति में या तो परिवार का अन्य सदस्य उधार ली गई रकम देकर राशन कार्ड को उबारता है या फिर वर्षों उसके पास गिरवी ही रखे रह जाते हैं।


इन स्थानों पर ऐसी स्थिति

जिले के विभिन्न ग्रामों के साथ ही सूरजपुर जिला मुख्यालय के विभिन्न वार्डों में राशन कार्ड गिरवी रखने की प्रथा प्रचलित है। सूत्रों के अनुसार गोपालपुर, महगांव, मस्जिद पारा, पंच मंदिर वार्ड, जेलपारा, बाबापारा, बाजार पारा, भ_ापारा, मानपुर, महुआपारा, बड़कापारा और मेन रोड में कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने आय अर्जित करने तथा पैसों की जरूरत पर राशन कार्डों को अन्यत्र गिरवी रख दिया है।


सूरजपुर के अलावा शराबबंदी अभियान के दौरान ओडग़ी के रामपुर, चपदा, इन्दरपुर, रैसरा, पलमा और नगर से लगे ग्राम देवीपुर, केतका, बसदेई, भुनेश्वरपुर, रामानुजनगर, प्रेमनगर, भटगांव, जरही समेत अन्य स्थानों पर भी गिरवी रखने व बाजार भाव पर खाद्यान्न की कीमत प्राप्त करने दूसरों के पास राशन कार्ड बतौर गिरवी रख दिए गए हैं।


जांच के लिए
तय कर दी गई
है टीम

राशन कार्ड गिरवी रखे जाने की शिकायत हाल ही में सूरजपुर नगर से प्राप्त हुई है। इसकी जांच के लिए टीम तय कर दी गई है। जांच के उपरांत गिरवी रखने वाले सभी कार्डों को राशन का आबंटन रोक दिया जाएगा। ऐसे सभी राशन कार्डों की पहचानकर प्रावधान के अनुसार राशन कार्ड के हितग्राही व गिरवी रखने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

यूएस खरसन,
सहायक खाद्य अधिकारी


ऑनलाइन वितरण से अनियमितता में आई है कमी

ऑनलाइन राशन वितरण की व्यवस्था से काफी हद तक राशन की अनियमितता में कमी आई है। जिले में खाद्यान्न वितरण के लिए हितग्राहियों और परिवार के सदस्यों की जानकारी आधार नम्बर के आधार पर अपडेट किए जा रहे हैं। अगले माह राशन का उठाव करने वाले हितग्राहियों के अंगूठे का निशान लिया जायेगा। इससे फर्जी हितग्राही के राशन का उठाव नहीं हो पायेगा और कैशलेस राशन वितरण की योजना भी फलीभूत हो सकेगी।

अमृत कुजूर,
जिला खाद्य अधिकारी, सूरजपुर

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