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नई फ्लाइंग रानी के 20 कोच में मिली 71 कमियां, सिर्फ एक डिब्बा 100 फिसदी सही

- सोशल मीडिया पर यात्रियों ने फर्स्ट डे- फर्स्ट शो.. लिखकर भीड़ की फोटो और वीडियो शेयर किए... - पश्चिम रेलवे कमियों को दूर करने में जुटा, दावा किया- एलएचबी रैक में ज्यादा यात्री कर सकेंगे सफर

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नई फ्लाइंग रानी के 20 कोच में मिली 71 कमियां, सिर्फ एक डिब्बा 100 फिसदी सही

नई फ्लाइंग रानी के 20 कोच में मिली 71 कमियां, सिर्फ एक डिब्बा 100 फिसदी सही

सूरत. सूरत से मुम्बई के लिए सोमवार सुबह फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस एलएचबी रैक के साथ रवाना की गई। रैक पुरानी होने के कारण सीटें फटी, स्नैक टेबल नदारद और फर्स्ट क्लास कोच में छत से पानी रिसाव जैसी समस्याओं से यात्रियों का सामना हुआ। यात्रियों ने रेलवे और कपड़ा राज्यमंत्री समेत पश्चिम रेलवे को संबोधित करते हुए कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। यात्रियों की मांग है कि रैक में मौजूदा कमियों को तत्काल दूर किया जाए और फर्स्ट क्लास डिब्बे के स्थान पर जनरल डिब्बा लगाया जाए, ताकि ज्यादा संख्या में यात्री बैठ सकें।

देश की पहली डबल डेकर फ्लाइंग रानी एक्सप्रेस का नया रंग रूप देखकर यात्रियों में खुशी के बजाए असंतोष देखने को मिला। एलएचबी रैक के साथ पहला फेरा रवाना होने के बाद से ही यात्रियों में नाराजगी देखी। मध्य रेल पर चलने वाली पंचवटी एक्सप्रेस के चार-पांच साल पुराने रैक को फ्लाइंग रानी के लिए उपयोग करने को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मध्य रेल से रैक आने के बाद पूरी ट्रेन का मेनटेनेंस पश्चिम रेलवे में पूरा किया गया। इसमें फ्लाइंग रानी के लिए आए कुल 21 कोच का परीक्षण करने पर पता चला कि इसमें अलग-अलग तरह की 71 कमियां हैं। हालांकि पश्चिम रेलवे ने रैक में मौजूदा कमियों को दूर करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। इन कमियों में सीट के पास लगे स्नैक टेबल, आर्म रेस्ट, शौचालय में मग, साबुन रखने की डिश समेत कई चीजें मिसिंग थी। अधिकारियों का कहना है कि सभी कमियों को ठीक कराया जा रहा है। कोच में ये मामूली समस्याएं हैं। रेलवे ने सोशल मीडिया के पोस्ट के जवाब में रैक को अच्छी स्थिति में होना और 130 किमी की गति से चलाने के लिए तैयार बताया है। दावा किया गया है कि फ्लाइंग रानी के 21 एलएचबी रैक में 1,999 यात्रियों के बैठने की जगह है। जबकि परंपरागत पुराने आइसीएफ के 19 कोचों में 1995 यात्रियों के बैठने की जगह थी। दूसरी तरफ, यात्रियों ने रेलवे के इस जवाब को लेकर फिर से लिखा कि रैक में 1621 सीटें ही हैं। कुछ यात्रियों ने तो चेयर कार डिब्बे में खड़े यात्रियों व भीड़ के फोटो और वीडियो बनाकर वायरल किए। फर्स्ट क्लास के जगह जनरल डिब्बा लगाने की मांग : यात्रियों की ओर से सांसद राजेंद्र गावित, रेल मंत्रालय और पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को एक पत्र लिख कर एलएचबी रैक के कोच संरचना में बदलाव की मांग की है। उनका कहना है कि फ्लाइंग रानी में सेकंड सीटिंग चेयर कार को बदलकर जनरल कोच लगाए जाएं। जनरल कोच में 100 लोग नीचे वाले सीट पर बैठ सकेंगे, जबकि ऊपरी सीटों पर भी 6-6 लोग बैठ सकेंगे। इससे डेढ़ सौ से अधिक को बैठने की सुविधा मिलेगी। हाल में जो एलएचबी के कोच सीटिंग वाले लगाए गए हैं, उसमें खड़े होने के लिए भी जगह कम पड़ रही है। सीटिंग चेयर कार के चलते भीड़ ज्यादा हो रही है। इस दौरान यात्रियों के बीच नोकझोंक होने की आशंका भी बढ़ जाती है। -------