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एडवांस हग मैक सॉफ्टवेयर में पेमेंट सुविधा सरल होने से मुनाफा बढ़ा

कोसंबा से गिरफ्तार सुपर सेलर कम टेक्निकल स्टाफ तीन दिन के रिमांड पर सॉफ्टवेयर के प्रोपराइटर अमीन के मध्य रेलवे, कुर्ला आरपीएफ में रिमांड पर होने की चर्चा

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एडवांस हग मैक सॉफ्टवेयर में पेमेंट सुविधा सरल होने से मुनाफा बढ़ा

एडवांस हग मैक सॉफ्टवेयर में पेमेंट सुविधा सरल होने से मुनाफा बढ़ा

सूरत.

सूरत रेलवे सुरक्षा बल की एक टीम हग मैक सॉफ्टवेयर के प्रोपराइटर की तलाश में कोसंबा समेत उसके यहां-वहां जाने की संभावना को देखते हुए छापे की कार्रवाई की जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रोपराइटर मध्य रेलवे के कुर्ला रेलवे सुरक्षा बल थाने में है और उसे दो-तीन दिन में गिरफ्तारी का प्रोसेस पूरा करके उसको सूरत लाया जा सकता है। कोसंबा से गुरुवार को गिरफ्तार सुपर सेलर कम टेक्निकल स्टाफ को शाम में कोर्ट में पेश कर तीन दिन का रिमांड लिया है।

नई दिल्ली रेलवे सुरक्षा बल मुख्यालय से सूरत रेलवे सुरक्षा बल के अपराध शाखा टीम ने हग मैक सॉफ्टवेयर पैनल के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में अब तक तीन अभियुक्त पकड़े गए है। इसमें कोसंबा निवासी मुख्य आरोपी एडमिन और प्रोग्रामर अमित प्रजापति (३२), सुपर सेलर इरफान (३०) और मांगरोल तहसील के कोसंबा जुना कुवा गांव चिश्तीनगर निवासी तथा हग मैक सॉफ्टवेयर का सुपर सेलर कम टेक्निकल स्टाफ रिजवान रफीक कागजी (२४) शामिल है। प्रोपराइटर अमीन कागजी की तलाश की जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल की टीम ने कोसंबा में अमीन के घर छानबीन की थी। इसमें उसके घर मां, भाई और बहन परिवार मिले, लेकिन उसका पता नहीं चल सका।

अमीन ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया है। इससे उसका लोकेशन ट्रेस करने में दिक्कत आ रही है। दूसरी तरह सूत्रों ने बताया कि नौ फरवरी को मध्य रेलवे कुर्ला रेलवे सुरक्षा बल थाने में एक ई टिकट एजेंट बाबा गिरफ्तार हुआ था। वह हग मैक सॉफ्टवेयर का एडमिन था। बाबा से पूछताछ के बाद मध्य रेलवे की टीम कोसंबा आई थी और उसे 17 फरवरी को गिरफ्तार करके ले गई। हाल में वह रेलवे सुरक्षा बल के पास रिमांड के दौरान हिरासत में है। उसके रिमांड की अवधी पूरी होने के बाद सूरत रेलवे सुरक्षा बल जांच अधिकारी ईश्वरसिंह यादव उसे ट्रांसफर वारंट पर सूरत लाने की संभावना है।

हालांकि मुम्बई रेलवे सुरक्षा बल के आइजी एके सिंह के निर्देश के कारण स्थानीय रेलवे जवानों ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। गुरुवार शाम को रिजवान को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की। न्यायाधीश ने तीन दिन के रिमांड पर रिजवान को सूरत रेलवे सुरक्षा बल को सौंपा है। हाल में उसके पास से कोई सामग्री रिकवर नहीं हुई है। अधिकारी रिमांड के दौरान अमित, इरफान और रिजवान तीनों को एकसाथ और अलग-अलग बिठाकर केस सुलझाने का प्रयास कर रहे है। नई दिल्ली डीजी की तरफ से भी इस मामले पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर जल्द ही रेलवे के द्वारा जानकारी साझा करने की भी सूचना है।


डेटा चोरी के खौफ में जांच अधिकारी

सूरत रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक ईश्वरसिंह यादव करोड़ों रुपए के ई टिकट बनाने वाले हग मैक सॉफ्टवेयर मामले की जांच कर रहे है। गुरुवार को रेलवे सुरक्षा बल ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है इस मामले में जांचकर्ता अधिकारी मीडिया से जानकारी छुपाते हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि कोई फोटो या डेटा लीक न हो जाए इसलिए सावधानी बरती जा रही है। उन्हें खौफ है कि कहीं कोई डेटा लीक हो गया तो रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी को क्या जवाब देंगे।


सॉफ्टवेयर में पैमेंट की सुविधा सरल से मुनाफा बढ़ा

हग मैक सॉफ्टवेयर बनाने वाला प्रोग्रामर अमित प्रजापति के पास 2017 में अमीन कागजी एक पूराने सॉफ्टवेयर की जानकारी लेकर आया था और एक एडवांस सॉफ्टवेयर निर्माण की जिम्मेदारी अमीन को सौंपी। इस एडवांस सॉफ्टवेयर में आईडी से टिकट बुक करने के बाद पैमेंट की सुविधा को काफी सरल किया गया था जिसमें कैप्चा या ओटीपी डालने का झंझट नहीं था। इससे टिकटें सेकंडों में बुक हो जाती थी। अनाधिकृत इ टिकट एजेंट इसी तकनीक पर ग्राहकों से अधिक मुनाफा वसूलते थे। अमीन ने अमित से काम सीखकर पूरा सॉफ्टवेयर पैनल का कामकाज अपने हस्तगत लेने के इरादे से इरफान और रिजवान को उसके साथ काम पर लगाया था। इरफान हग मैक सॉफ्टवेयर के प्रोपराइटर अमीन कागजी के मामा का बेटा है और रिजवान चचेरा भाई है।