
सूरत. मनपा जल्द ही शहर की सीमा को और बढ़ाने जा रही है। वहीं, लोग सवाल उठा रहे हैं कि जिन क्षेत्रों को 10 साल पहले शामिल किया गया था, वहां बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के बारे में मनपा ने क्या किया? गांव जरूर शहर में आ गए, लेकिन सुविधाओं में खास इजाफा नहीं हुआ। नतीजतन इन क्षेत्रों में आबादी विस्फोट का सर्वाधिक दुष्प्रभाव देखा जा रहा है। पूणा क्षेत्र इसका जीवंत उदाहरण है। कृषि भूमि पर हाईराइज बिल्डिंग खड़ी हो गई हैं। सुविधाओं के अभाव में लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बारह साल पहले शहर की सीमा में शामिल गांवों के विकास के लिए मनपा ने जो खाका बुना, वह कारगर नहीं हुआ। पूणा क्षेत्र को लेकर मनपा ने सोचा भी नहीं था कि शहर में आने के साथ इस क्षेत्र में आबादी इतनी तेजी से बढ़ेगी कि योजनाएं ही ढेर हो जाएंगी। जो ड्रेनेज लाइनें 2023 की आबादी की कल्पना कर 2007-08 में डाली गईं, वह आठ-नौ साल में ही छोटी पड़ गई। मनपा प्रशासन को यहां नया ड्रेनेज नेटवर्क और पंपिंग स्टेशन स्थापित करना पड़ रहा है। इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। हालांकि इस योजना पर मनपा को 2023 में काम करना था, लेकिन इसकी जरूरत अभी से पडऩे लगी है। पुराने नेटवर्क को इस नए नेटवर्क से भी जोडऩे की योजना है, जिससे जिन लोगों के पास पुराने कनेक्शन हैं, वहां का पानी सही तरीके से पहुंच सके।
सब्जी मंडी और बुनियादी सुविधाओं का टोटा
पूणागाम और आसपास के क्षेत्र के लिए सब्जी मंडी का अभाव है। लोग पूणागाम भैयानगर के समीप फ्लाईओवर के नीचे सब्जी खरीदने जाते हैं। ब्रिज के नीचे बीआरटीएस ट्रैक होने की वजह से सब्जी खरीदने जाने वाली महिलाएं कई बार वाहनों की चपेट में आ जाती हैं। निवासियों की मांग है कि यहां सब्जी मंडी बनाई जाए। सरथाणा क्षेत्र में सब्जी मंडी का निर्माण कराया गया है, लेकिन यह अभी चालू नहीं हुई है।
टीपी फाइनल नहीं होने की दिक्कत
पूणा, सीमाड़ा आदि क्षेत्र में टीपी फाइनल नहीं होने से यहां जमीन की दिक्कत है। रिजर्वेशन वाली जमीन भी बिल्डरों को देने का आरोप कांग्रेस पार्षद लगाते हैं। क्षेत्र में बच्चों के लिए खेल का मैदान नहीं है। बच्चे सोसायटियों की सड़कों पर खेलते हैं, जो कई बार झगड़े का कारण बनता है। मनपा की रिजर्वेशन वाली जगह पर कई जगह सोसायटियां बनी हैं, जहां लोग 25-30 साल से रहते हैं। कम्युनिटी हॉल की दिक्कत से सामाजिक प्रसंगों पर निजी जगह किराए पर लेते हैं। गाम की वाडियो पर मनपा का रिजर्वेशन लगा है, जिससे लोगों को इसके छिन जाने का भय सताता है।
जस का तस रहा गामतल
शहर की सीमा में आने के बाद पूणा क्षेत्र का विकास कम, परेशानियां अधिक बढ़ीं हैं। ड्रेनेज की दिक्कतों की वजह से मनपा को छोटी लाइन के समानांतर नई लाइन डालनी पड़ रही है। रिजर्वेशन की जमीन का कब्जा नहीं होने से विकास प्रोजेक्ट नहंी हो पा रहे हैं।
दिनेश सावलिया, पार्षद, वार्ड 16 (पूणा पश्चिम)
तेजी से बढ़ा क्षेत्र
पूणा, सीमाड़ा और मोटा वराछा आदि क्षेत्रों में अनुमान से अधिक तेजी से आबादी बढ़ी है। बुनियादी सुविधाओं के अधिक उपभोग से भी योजनाएं छोटी पड़ गई हैं। इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति भी इस तरह से है कि ड्रेनेज नेटवर्क को पहले ही विस्तृत करने की जरूरत हुई है।
सुधा नाहटा, चेयरमैन, डे्रनेज कमेटी, मनपा
नई लाइन पर काम
पूणा क्षेत्र में डे्रनेज पंपिंग स्टेशन की क्षमता 135 लीटर प्रति सेकंड (एलपीएस) है, जबकि यहां फ्लो दो सौ एलपीएस हो रहा है। इस वजह से इसकी क्षमता बढ़ाने के अलावा नई लाइन डाली जा रही है। यहां 2007-08 में 15 साल की योजना के अनुसार काम हुआ था, अब जरूरत बढ़ी तो 2023 से पहले ही काम कराना पड़ रहा है।
ई.एच.पठान, कार्यपालक इंजीनियर, मनपा
Published on:
23 Jan 2018 06:05 pm
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