प्रभावित किसानों का आरोप है कि कंपनियां बीते एक सप्ताह से लगातार केमिकलयुक्त प्रदूषित पानी खाड़ी में छोड़ रही हैं। इस पानी से सिंचाई करने वाले किसानों की फसल और जमीन को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि जीपीसीबी व नोटीफाइड विभाग दोनों ही संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई से बच रहे हैं। प्रकृति सुरक्षा मंडल के प्रमुख सलीम पटेल ने कहा कि शिकायत मिलने पर जीपीसीबी के अधिकारी सैंपल लेकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। बताया जा रहा है कि जीपीसीबी ने हालांकि आमलाखाड़ी में लगातार बह रहे प्रदूषित पानी को लेकर नोटीफाइड विभाग को नोटिस भी जारी किया है। जीपीसीबी के प्रधान कार्यालय ने नोटिस जारी कर नोटीफाइड अथारिटी को दस लाख रुपए की बैंक गारंटी जमा करने के लिए कहा है।
भरुच जिला पंचायत के उप प्रमुख भरत पटेल ने कहा कि अंकलेश्वर तहसील के दस से ज्यादा गांवों के किसान आमलाखाड़ी पर निर्भर हैं। केमिकल वाले पानी के कारण खेती को भारी नुकसान हो रहा है। फसल जलने के साथ ही उनकी जमीन भी खराब हो गई है। सजोद गांव के किसान कनु पटेल ने चेतावनी दी कि यदि कंपनियों ने प्रदूषित पानी आमलाखाड़ी में छोडऩा बंद नहीं किया तो सजोद व आसपास के गांव के किसान आंदोलन करेंगे।