डिंडोली क्षेत्र में 29 सितम्बर, 2018 को एक पांच साल की बच्ची घर के पास से लापता हो गई थी। बच्ची के माता-पिता की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। इस दौरान पुलिस को सूराग मिला और बच्ची के पड़ोस में रहनेवाले रोशन भूमिहार नाम के युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया। रोशन ने कबूल कर लिया कि उसीने बच्ची का अपहरण किया था और बाद में बलात्कार कर बच्ची को डिंडोली तालाब के पास मनपा की ड्रेनेज लाइन की पाइप में फेंक दिया है। पुलिस ने रोशन की निशानदेही पर बच्ची को पाइप से बरामद किया था। यौन अत्याचार के कारण बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसे कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखना पड़ा था। बच्ची से बलात्कार की वारदात को लेकर लोगों में आक्रोश फैलने पर राज्य सरकार ने इस मामले में जल्द जांच पुरी कर मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने का आदेश दिया था। 34 दिन में ही पुलिस ने जांच खत्म कर अभियुक्त के खिलाफ अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी थी। राज्य सरकार ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष लोकअभियोजक के तौर पर सूरत जिला न्यायालय के मुख्य लोकअभियोजक नयन सुखड़वाला को नियुक्त किया था। मामले की सुनवाई पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत में चल रही थी।सुनवाई के दौरान 35 सबूत और 20 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया।मंगलवार को विशेष लोकअभियोजक ने अपनी दलीलें पेश कर दी। इसके बाद कोर्ट ने 7 अक्टूबर तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।