सिलवासा में रेट लिस्ट और मीटर बगैर दौड़ रहे ऑटो रिक्शा
सवारियों से मनमाना किराया वसूल रहे ऑटो चालक
सिलवासा में रेट लिस्ट और मीटर बगैर दौड़ रहे ऑटो रिक्शा
सिलवासा. ऑटो चालकों की ओर से सवारियों से वसूले जाने वाले मनमाने किराए को लेकर परिवहन विभाग ने सवा साल पहले रेट लिस्ट और मीटर लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इतना लम्बा समय बीतने के बाद भी न रेट लिस्ट लगाई गई और न ही किसी ऑटो में मीटर लगे। ऐसे में स्थानीय समेत बाहर से आने वाले यात्रियों को ऑटो चालको की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है।
गत वर्ष तत्कालीन परिवहन उपनिदेशक राकेश कुमार ने ऑटो रिक्शा में मीटर लगाने एवं मीटर रेट से किराया पाबंद करने के निर्देश जारी किए थे। इस बारे में विभागीय अधिकारियों को जल्द से जल्द कारवाई कर रिपोर्ट मांगी थी। कुमार का तबादला होने के बाद यह कार्रवाई विभाग में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी है। सवा साल से यह निर्देश फाइलों में दबे पड़े हंै। मॉनिटरिंग के अभाव से अधिकारियों के यह निर्देश काम नहीं आए। प्रदेश में करीब दो हजार से अधिक ऑटो रिक्शा चल रहे हैं। शहर में ऑटो रिक्शा शहीद चौक, बस स्टैण्ड, टोकरखाड़ा, आमली चार रास्ता, किलवणी नाका, बाविसा फलिया, पुलिस थाना, पिपरिया आउटपोस्ट, आमली फव्वारा, वीबीसीएच, सामरवरणी में खड़े रहते हैं। गुजरात एसटी बसों की कमी से यात्रियों को शहर से वापी और भिलाड़ स्टेशनों के लिए ऑटो रिक्शा की जरूरत पड़ती है।
ऑटो जीवन रेखा
दादरा नगर हवेली में औद्योगिक इकाइयों के कारण देशभर की आबादी बसी है। यहां करीब दो लाख लोग यार्न, कपड़ा, ग्रेनाइट, केमीकल, इंजीनियरिंग, धातुकर्म, उर्वरक, मेडिसीन, रबर, लौह-इस्पात उद्योगों में रोजगार पर लगे हैैं। श्रमिक उद्योगों तक जाने के लिए ऑटो की सेवा लेते हैं। गांवों में एसटी बसों की कमी से आवागमन का जरिया मुख्य रूप से ऑटो रिक्शा है, वहीं रात के समय केवल ऑटो ही आवागमन के साधन हैं। मीटर नहीं होने से ऑटों में बैठने वाले यात्रियों की किराए को लेकर चालक से बहस भी होती है। गांवों में अच्छी सडक़ों के बावजूद नियमित यात्री बस सेवा उपलब्ध नहीं है।
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