
COVID19 : SURAT POLICE बना रही है LOCKDOWN पर डॉक्युमेंट्री !
सूरत (surat) . कहते है जो इतिहास (history) से सीख नहीं लेते वे खुद इतिहास बन जाते हैं। शायद इसी कथन से प्रेरणा लेकर सूरत शहर पुलिस (surat city police) कोराना (covid19) महामारी व लॉक डाउन (lockdown) के करीब अढाई माह के अनुभवों पर एक डॉक्युमेंट्री (documentary) बना रही है। जो डीजीटल के साथ-साथ दस्तावेज तौर पर एक पुस्तक के रूप में भी उपलब्ध हो सकेगी।
देश में शायद यह अपनी तरह का पहला मौका होगा जब पुलिस इस तरह की कोई डॉक्युमेंट्री बना रही हैं। इस काम को डीसीपी ट्रैफिक प्रशांत सुंबे (dcp traffic prashant shumbe) की देख रेख में अंजाम दिया जा रहा है। इस काम में तकनीकी टीम की भी मदद कर रही है।
इस डॉक्युमेंट्री में पुलिस कांस्टेबल (constable) से लेकर पुलिस आयुक्त (cp rajendra brahmbhatt) तक सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के अपने अनुभव के वीडियो हैं। थाना स्तर पर प्रभारियों द्वारा किए गए कार्यो के फोटोग्राफ्स और वीडियो फुटेज को शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में लोगो को जागरुक करना, घरों में रखना, उन तक राशन व भोजन पहुंचाना, उन्हें बसों, ट्रेनों से गन्तव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था करना आदि ऐसे कई काम हैं जो पुलिस ने पहले कभी नहीं किए थे।
जानकारी नहीं थी इसलिए जरुरत महसूस हुई
सुंबे ने पत्रिका (rajasthan patrika) से बातचीत में बताया कि कोरोना (corona) या कोविड-19 जैसी बड़ी महामारी को लेकर पुराना कोई अनुभव दस्तावेजों के रूप उपलब्ध नहीं था। प्लेग समेत छोटी महामारियां तो समय समय पर हुई है। लेकिन विश्व युद्ध (world war 1) के बाद (1918) फैले स्पेनिश फ्लू ( Sapnish flu the most deadliest epidemic in world history) को इसके समकक्ष गिना जा सकता है।
हालांकि इसका outbreak भी कोरोना जितना व्यापक नहीं था। उस समय भी पुलिस ने कानून व्यवस्था व सुरक्षा का माहौल बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए होंगे। लेकिन उनका दस्तावेजी डाटा उपलब्ध नहीं है। कुछ दुर्लभ तस्वीरें ही उपलब्ध है।
कड़वे अनुभव भी शामिल, भविष्य में उपयोगी होगी
वैसे भी केस स्टडी के तौर पर अपराधियों व आपराधिक घटनाओं की जानकारी जुटा कर हम दस्तावेजी फाइलें तैयार करते हैं। उसी तरह से कोविड-19 और लॉक डाउन के अनुभवों को इसी तरह से तैयार कर रहे हैं।
इसमें अच्छे अनुभवों के साथ कड़वे अनुभवों को भी शामिल किया जा रहा हैं। ताकी यह एक स्टडी मटीरीयल के रूप में भविष्य में उपयोगी साबित हो। प्रस्तावना समेत 40 डॉक्युमेंट शामिल हो चुके हैं, शेष कार्य जारी है।
Published on:
13 Jun 2020 01:03 pm
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