27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

diamond export मौका मिलते ही हीरे ने भरी उड़ान

अगस्त महीने में रत्न और आभूषण निर्यात 1764.06 मिलियन डॉलर तक पहुंचा

2 min read
Google source verification

सूरत

image

Vineet Sharma

Sep 14, 2020

diamond expor मौका मिलते ही हीरे ने भरी उड़ान

Buy diamond jewelery this year on Diwali for just Rs 2000

विनीत शर्मा

सूरत. हीरा है सदा के लिए। मौका मिलते ही हीरे ने अपने बारे में कही जाने वाली इस टैगलाइन को सच साबित कर दिया। हीरा अगस्त में ऐसा उछला कि पहली तिमाही की निराशा के बादल पूरी तरह छंट गए। साथ ही उद्यमियों में क्रिसमस और नए साल को लेकर बाजार की आशंकाओं पर भी विराम लग गया है। निर्यात के यह आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि मंदी के असर से हीरा बेअसर है और बाजार खुला पड़ा है। उद्यमियों को बस अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने की जवाबदेही पर फोकस करना है।

कोरोनाकाल में लॉकडाउन और उसके बाद बनी स्थितियों ने हीरा बाजार को बड़ी चोट दी थी। दुनिया का 90 फीसदी से ज्यादा हीरा तैयार करने वाले सूरत के कारोबार की रीढ़ की हड्डी चटकने लगी थी। दूसरी तिमाही में निर्यात के जो आंकड़े सामने आए उन्होंने तमाम आशंकाओं को निर्मूल साबित किया है। रत्न और आभूषण निर्यात में रिकवरी के बेहतर संकेत दिख रहे हैं। इसी दौरान बीते वर्ष के मुकाबले भले इस बार अगस्त में प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा हो, लेकिन लॉकडाउन के बाद यह बड़ा उछाल साबित हुआ है।

जीजेइपीसी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अकेले अगस्त महीने 1764.06 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ है। हालांकि बीते वर्ष इसी अवधि में 3018.32 अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ था, जो करीब 41 फीसदी कम है। जिस तरह से मांग निकलनी शुरू हुई है चालू वित्त वर्ष के अंत तक निर्यात में स्थिति उम्मीद से बेहतर होगी। बीते वित्त वर्ष के मुकाबले नुकसान को 20-25 फीसदी तक सीमित किया जा सकता है।

बाजार के जानकारों के मुताबिक यह रिकवरी अमेरिका, चीन, यूरोप आदि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हीरे और आभूषणों की मांग निकलने के कारण आई है। यूरोपीय देशों में क्रिसमस और नया वर्ष हीरे का त्योहारी सीजन माना जाता है। शहर के हीरा उद्यमियों को बाजार की मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन में तेजी लानी होगी। जानकारों के मुताबिक जिसके पास माल होगा, बाजार उसके लिए तैयार खड़ा है।

बेहतर भविष्य के संकेत

हम निकट और लंबी अवधि के लिए आशावादी हैं। कई देश अब व्यापार के लिए खुले हैं । हमने अमेरिका, चीन, यूरोप जैसे बाजारों से मांग के बेहतर शुरुआती संकेत देखे हैं। निर्यात में पिछले 4-5 महीनों में महीने में लगातार वृद्धि देखी गई है।
कॉलिन शाह, अध्यक्ष, जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल

पत्रिका ने बताया था कि चमक जल्द लौटेगी

राजस्थान पत्रिका ने मौका मिलते ही उछलेगा हीरा, चमक बरकरार शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर बता दिया था कि हीरा के पुराने ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए हीरा उद्यमी बाजार को लेकर निश्चिंत हैं। उन्हें पता है कि यह दौर ज्यादा लंबा नहीं चलने वाला। वे जानते हैं कि हीरे की चमक बरकरार है। मौका मिलते ही हीरा फिर उछलेगा और पुराने हिसाब चुकता हो जाएंगे।