
संविधान में दिव्यांगों को अनेक विशेषाधिकार
सिलवासा. जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र पर आयोजित सेमिनार में पश्चिम क्षेत्र रिहेबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से आए शिक्षक और पदाधिकारियों ने आरपीडबल्यूडी (दि राइट ऑफ पर्सन्स विथ डिसिबिलिटी) एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अहमदाबाद से आए मनोवैज्ञानिक अजीत कुमार, राजेन्द्र परमार, पुष्पा वैष्णव में दिव्यांगों को उनके संवैधानिक अधिकार बताए।
अजीत कुमार ने बताया कि भारतीय संविधान में दिव्यांग को अनेक विशेषाधिकार दिए गए हैं। राजेन्द्र परमार ने कहा कि दिव्यांग समाज के अंग हैं। उन्हें दया व सहानुभूति नहीं, बल्कि समाज में योग्य नागरिक बनाने की जरूरत है। तीन दिन चले सेमिनार में रेडक्रॉस सोसायटी सचिव कुलदीप सिंह ने मेहमानों का अभार जताया। शाला की प्राचार्य ज्योति सूर ने बताया कि जीवन की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए अपाहिजों को सहायता उपकरण दिए जाते हैं। दिव्यांग स्कूल में शिक्षा के साथ व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। विकलांग पुनर्वास केन्द्र पर व्यायाम, कृत्रिम अंग एवं उपकरण एवं रेल यात्रा के पास जारी किए जाते हैं। प्रदेश में 20 से 22 हजार दिव्यांग हैं। चालू सत्र में नेत्रहीन बच्चों की शिक्षा भी शुरू हो गई है, जिससे दिव्यांग शाला में बच्चों की संख्या बढक़र 275 पहुंच गई है। अंत में मेहमानों और होनहार दिव्यांग बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
Published on:
12 Feb 2019 10:28 pm
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
